स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 12 December 2020 03:26:39 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है, इस दिशा में सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी किसानों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के पास किसानों का बड़ा डाटा बैंक होगा, जिससे मिट्टी की जांच, बाढ़ की चेतावनी, सेटेलाइट की तस्वीरों से लेकर जमीन के राजस्व रिकॉर्ड जैसी सूचनाएं किसानों को घर बैठे मिलेंगी। नरेंद्र सिंह तोमर ने ये बातें ईलेट्स टेक्नो मीडिया के आयोजित तीन दिवसीय नॉलेज एक्सचेंज समिट के दसवें संस्करण के शुभारंभ पर कहीं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की माली हालत सुधरे, कृषि क्षेत्र फायदे में आए और नई पीढ़ी भी खेती की ओर आकर्षित हो। उन्होंने कहा कि कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में बीते कुछ समय में कई नए आयाम जुड़े हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है, गांव-ग़रीब-किसानों का राज्यों के साथ मिलकर विकास प्रमुख लक्ष्य है, जिसे पाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कृषिमंत्री ने कहा है कि हमारे गांव व कृषि क्षेत्र बरसों से इस देश की ताकत हैं, जिन्हें और मजबूत करने पर सरकार पूरी तरह ध्यान दे रही है, इसी कड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की ऐतिहासिक शुरुआत हो चुकी है, इसका उपयोग गांवों में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा औ इस फंड से कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए लोन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास हेतु 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रावधान किया गया है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तो किसान उपज को कुछ समय रोककर बाद में उचित मूल्य पर बेचने में सक्षम होंगे, छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स गांव-गांव में खुलने से किसानों को लाभ मिलेगा, रोज़गार के अवसर खुलेंगे और किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम मिलना प्रारंभ होगा। कृषिमंत्री ने बताया कि एक और महत्वपूर्ण स्कीम 10 हजार एफपीओ बनाने की प्रारंभ की गई है, जिसपर केंद्र सरकार 6,850 करोड़ रुपये खर्च करेगी, इनके माध्यम से छोटे-मझौले किसानों, जिनकी निवेश की शक्ति कम होती है, रकबा छोटा होता है और वे महंगी फसलों के लिए निवेश करने में सक्षम नहीं होते है, उन्हें संगठित किया जाएगा, ताकि उनके खेती के खर्चों में कमी आए, उन्हें आधुनिक तकनीकों का लाभ मिले, उनके लिए मार्केटिंग की सुविधा विकसित हो और इन सबसे उनकी आय बढ़े, नए एफपीओ को क्रांतिकारी कदम के रूपमें माना जा रहा है।
कृषिमंत्री ने बताया कि कृषि से सम्बद्ध सेक्टरों के लिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेजों सहित कई उपाय किसानों व कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए सरकार ने किए हैं, जिनपर अमल प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, किसानों की आय बढ़ाने एवं उनके जीवनस्तर में आमूल-चूल बदलाव लाने के उद्देश्य से नए कृषि कानून बनाए हैं, जिनसे सिर्फ और सिर्फ किसानों के हितों का संरक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़े, जिसने कोरोना संकट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की सारी योजनाओं का लाभ इस दौरान किसानों को मिला है और समूचे कृषि क्षेत्र ने अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने तथा रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण के लिए बीते 6 साल से अधिक समय में जितने कार्य किए गए हैं, पहले कभी-किसी भी सरकार में इस प्रकार की पहल सफलतापूर्वक संपन्न नहीं हुई, किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार की पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम में किसानों को हर वर्ष 6 हजार रुपये की मदद सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है, अभी तक लगभग साढ़े 10 करोड़ किसानों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़ा सुरक्षा कवच है, इस स्कीम में बीते साढ़े 3 साल में किसानों ने करीब 17 हजार 738 करोड़ रुपये प्रीमीयम भरा था, जबकि उनके दावों के भुगतान के रूपमें पांच गुना राशि यानी लगभग 87 हजार करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं।