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Wednesday 30 December 2020 04:30:52 PM
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण यानी आईएफएससीए ने बैंकिंग इकाइयों को किसी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर मान्यता प्राप्त मानक जोखिम भागीदारी समझौते के माध्यम से किसी अन्य वित्तीय संस्थानों, भारत में रहने वाले व्यक्तियों और भारत से बाहर बसे लोगों से संपत्ति हस्तांतरित करने की अनुमति दे दी है। संपत्ति का हस्तांतरण कई अधिकार क्षेत्रों विशेष रूपसे व्यापार वित्त के क्षेत्र में सामान्य रूपसे प्रचलन में है। जोखिम साझा करने की इस व्यवस्था को एक मानक दस्तावेज के तहत एक द्विपक्षीय अनुबंध के रूपमें किया जाता है, जिसे दो संस्थानों यानी खरीद और बिक्री इकाई के बीच जोखिम भागीदारी समझौता कहा जाता है।
सामान्य मानक जोखिम भागीदारी समझौते में से एक मास्टर रिस्क पार्टिसिपेशन एग्रीमेंट है, जिसे बैंकर्स एसोसिएशन फॉर फाइनेंस एंड ट्रेड ने विकसित किया है। इस व्यवस्था से विदेशी अधिकार क्षेत्र में आने वाले बैंकों की बजाय आईएफएससी में बीयूएस के माध्यम से विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों की जोखिम साझा करने की व्यवस्था को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण की स्थापना की है और इसका उद्देश्य भारतीय कॉरपोरेट्स को वैश्विक वित्तीय बाजारों तक आसान पहुंच प्रदान करना और भारत में वित्तीय बाजारों के आगे के विकास को पूरक और बढ़ावा देना है।