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Thursday 31 December 2020 02:46:10 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप एस पुरी ने कहा है कि सरकार ने न केवल उत्पादन लागत का 1.5 गुना एमएसपी बढ़ाने की स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया है, बल्कि सभी फसलों के लिए एमएसपी को 40-70 प्रतिशत तक बढ़ाया भी गया है। उन्होंने कहा कि एमएसपी में खरीद का खर्च 2009-14 से 2014-19 में 85 प्रतिशत बढ़ा है और कुछ वर्ष में कृषि विभाग का बजट छह गुना बढ़ गया है। हरदीप एस पुरी ने बताया कि एमएसपी एक प्रशासनिक व्यवस्था है और कृषि सुधार कानून विशेष रूपसे हमारे किसानों के लिए कई परतों में सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे कॉर्पोरेट्स के किसी भी अनुचित दावों से निपटने के लिए कानूनी सुरक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करके किसानों की मदद करने, उनका मार्गदर्शन करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।
राज्यमंत्री हरदीप एस पुरी ने कहा कि सरकार ने कृषि सुधार कानूनों में स्पष्ट रूपसे कहा है कि हमारे किसानों की जमीन का अधिग्रहण या पट्टे पर लेने की अनुमति किसी भी दशा में नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे किसान जमीन, मिट्टी और जंगलों के मालिक हैं और जमीन वास्तव में उनकी मां की तरह है, उन्होंने इसकी देखभाल के लिए अपना जीवन, खून और पसीना समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी को भी उनकी जमीन लेने की अनुमति नहीं देगी। हरदीप एस पुरी ने कहा कि अमूल को-ऑपरेटिव सफलता ने दिखाया है कि अलग-अलग छोटे पैमाने पर उत्पादन की प्रणाली जो किसी भी क्षेत्र में मौजूद हो सकती है, के बावजूद लोग साथ मिलकर सफलता की कहानी लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज अमूल केवल दूध का उत्पादन नहीं कर रहा है, बल्कि इसका अधिकांश राजस्व दुनियाभर में निर्यात किए जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से आता है, कुछ इसी तरह की सफलता की कहानी हम इन सुधारों के माध्यम से हमारे किसानों के लिए चाहते हैं।
हरदीप एस पुरी ने बताया कि सरकार ने 10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाए हैं, जो छोटे और सीमांत किसानों को एक साथ लाते हैं और उन्हें सामाजिक पूंजी, सूचनाओं तक पहुंच के साथ ही खरीद फरोख्त की ताकत प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र से बंगाल तक चलने वाली 100वीं किसान रेल का शुभारंभ किया है, जिससे किसान अपनी 50-100 किलोग्राम उपज को कोल्ड चेन कोचों में भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है, ताकि गोदाम, कोल्ड स्टोर, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स, ग्रामीण मार्केटिंग मंच, ई-मार्केटिंग यूनिट आदि आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूंजी उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि हमारे किसानों की मदद करती है और उनकी गरिमा की रक्षा करते हुए उनके गुजर-बसर के मसलों को कम करती है, जो हमारे छोटे और सीमांत किसानों के लिए गंभीर संकट का कारण बनते थे। उन्होंने कहा कि फसल बीमा व्यवस्था, प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना ने 17,450 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले किसानों को बीमा के रूपमें 87,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
हरदीप एस पुरी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की राष्ट्रीय खाद्य उत्पादन में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है और हमारी लगभग 70 प्रतिशत एमएसपी खरीद इन राज्यों से होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के 2018 में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि 52.5 प्रतिशत कृषक परिवार औसतन 1,470 डॉलर के कर्जदार थे। उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत पैदा की गईं फसलें उचित कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचे के अभाव में बर्बाद हो जाती हैं, इसके अलावा बिचौलियों के कारण कृषि क्षेत्र काफी खंडित है और उनके पास भारी लाभ पहुंचता है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान हमारे कृषि प्रधान राज्यों को दुनिया के अन्न भंडार में बदल सकते हैं। हरदीप एस पुरी ने ये बातें लेख 'झूंठे आख्यान का मुकाबला करने का अभिप्राय' में साझा की हैं। उन्होंने इसके माध्यम से कृषि सुधार कानूनों को स्पष्ट करते हुए इसके लाभों से किसानों को जागरुक भी किया।