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Saturday 2 January 2021 02:02:42 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के कार्मिक विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने नए वर्ष पर केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए दिव्यांगता क्षतिपूर्ति योजना की शुरुआत की है। इस संबंध में उन्होंने बताया है कि यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार हो जाता है और उसकी सेवाएं दिव्यांग होने के बाद भी बरकरार रखी जाती हैं तो जब भी उसे दिव्यांगता क्षतिपूर्ति का लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने बताया कि यह योजना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सीएपीएफ के जवानों जैसे-सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ इत्यादि को बड़ी राहत उपलब्ध कराएगी, जिनकी सेवा की प्रकृति के चलते अपना दायित्व निभाते हुए दिव्यांगता का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि नया आदेश सेवा नियमों की एक विसंगति को दूर करेगा, जिसके चलते केंद्रीय कर्मचारियों को जटिलताओं का सामना करना पड़ता था, इस संबंध में 5 मई 2009 को जारी किए गए आदेश के तहत 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मियों को केंद्रीय नागरिक सेवाओं (सीसीएस) ईओपी नियमों के अंतर्गत दिव्यांगता का लाभ नहीं मिलेगा और वह राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अंतर्गत कवर होंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन विभाग के नए आदेश के अंतर्गत अब उन कर्मचारियों को भी अतिरिक्त असाधारण पेंशन (ईओपी) के नियम 9 के तहत लाभ प्राप्त होगा, जो एनपीएस के दायरे में आते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अन्य शब्दों में यदि एक सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और यह दिव्यांगता उसकी सरकारी सेवा को प्रभावित करती है और उसकी सेवा बरकरार रखी जाती है तो उसे एकमुश्त राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी गणना समय-समय पर जारी की जाने वाली परिवर्तित सारणी के आधार पर की जाएगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नियमों के सरलीकरण के लिए और विभेदकारी नियमों को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी प्रकार की नई पहलों का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाना है, इससे वह कर्मचारी भी लाभांवित होंगे, जो आज पेंशनभोगी हैं अथवा जिनके परिजन पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के हित में हाल ही में एक और आदेश जारी किया था, जिसके अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा शर्त में छूट दी थी, यदि कोई सरकारी कर्मचारी शरीर से या चिकित्सकीय अक्षमता के कारण सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होता है तो इस संदर्भ में सीसीएस के नियम 38 में संशोधन कर आखिरी भुगतान के रूप में 50% पेंशन देने का नियम लागू किया गया, भले ही कर्मचारी 10 वर्ष की न्यूनतम आवश्यक सेवाशर्त को पूर्ण नहीं कर पाया हो। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त पेंशन से जुड़े नियमों में एक और महत्वपूर्ण सुधार किया गया है, जिसमें सरकारी कर्मचारी के आश्रित को आखिरी भुगतान 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म कर दिया गया है। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तब भी कर्मचारी के परिवार को उसके आखिरी भुगतान की 50% राशि पेंशन के तौर पर निर्धारित की जाएगी।