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पश्चिम बंगाल में जलमार्ग सुधार परियोजना

सरकार का विश्व बैंक के सा‌थ 10.5 करोड़ डॉलर पर करार

अंतर्देशीय जलमार्ग यात्री एवं माल की आवाजाही में प्रभावी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 6 January 2021 02:49:32 PM

waterway improvement project in west bengal

कोलकाता। भारत सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार और विश्व बैंक ने कोलकाता में अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना में सुधार के लिए 10.5 करोड़ डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिम बंगाल अंतर्देशीय जल परिवहन, रसद और स्थानिक विकास परियोजना से हुगली नदी पर यात्री और माल की आवाजाही सुविधाजनक होगी, कोलकाता महानगर क्षेत्र में पहुंच में सुधार के लिए स्थानिक योजना कराई जाएगी, इसके नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और राज्य के लॉजिस्टिक क्षेत्र के विकास के प्रति योगदान होगा। आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ सीएस महापात्रा ने कहा है कि अंतर्देशीय जलमार्ग यात्री और माल की आवाजाही के लिए प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल विकल्प के रूपमें उभर रहे हैं।
डॉ सीएस महापात्रा ने कहा कि यह परियोजना पश्चिम बंगाल में नदी परिवहन अवसंरचना में सुधार में सहायक होगी, इससे दूरदराज के क्षेत्रों को कोलकाता महानगर क्षेत्र के बाजारों व रोज़गार केंद्रों से जोड़कर राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। समझौते पर भारत सरकार की तरफ से आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ सीएस महापात्रा, पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से उपायुक्त राजदीप दत्ता और विश्व बैंक की तरफ से भारत में कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए। परियोजना में कोलकाता महानगर क्षेत्र सहित दक्षिणी पश्चिम बंगाल के पांच सबसे ज्यादा आबादी वाले जिलों को शामिल किया जाएगा, जहांलगभग 3 करोड़ या पश्चिम बंगाल की एक तिहाई आबादी रहती है। भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहाकि इस परिचालन से राज्य को कुशल और सुरक्षित शहरी यातायात रणनीति के तहत उसके जलमार्गों और फेरी सेवाओं के निर्माण से कोलकाता की आर्थिक उत्पादकता में निवेश का अवसर मिलेगा।
विश्व बैंक के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि कोलकाता की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए परियोजना से यह महानगर क्षेत्र उपक्षेत्र के लिए एक परिवहन और लॉजिस्टिक हब के रूपमें उभरने जा रहा है, साथ ही ईडीएफसी के उपयोग और पूर्वोत्तर व स्थलीय क्षेत्रों से घिरे नेपाल और भूटान को जोड़ने जा रहा है। गंगा नदी की सहायक नदी हुगली कोलकाता में कोलकाता बंदरगाह को ज्यादा खपत वाले केंद्रों से अलग करती है, जिनमें उसके थोक बाजार और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित विशाल भीतरी क्षेत्र तथा स्थलीय क्षेत्रों से घिरे पड़ोसी देश नेपाल और भूटान शामिल हैं। वर्तमान में 80 प्रतिशत से ज्यादा माल और यात्री यातायात कोलकाता के तीन पुलों के माध्यम से गुजरता है, इस व्यस्तता को कम करने के लिए शहर ने ट्रकों की आवाजाही को बंदरगाह से कुछ पुलों तक सीमित कर दिया है और सीमित घंटों के दौरान बंदरगाह तक पहुंच घटा दी है और ढुलाई की लागत बढ़ा दी है।
पश्चिम बंगाल के घाट यात्री और माल दोनों के लिए सार्वजनिक परिवहन का एक कुशल, लचीला माध्यम उपलब्ध करा सकता है, जिससे सड़क से यात्रा की तुलना मं परिचालन लागत और यात्रा के समय में बचत होगी। दशकों से परिचालन में बनी मौजूदा फेरी व्यवस्था सिर्फ 2 प्रतिशत से भी कम यात्री यातायात और माल आपूर्ति की के एक हिस्से को सेवाएं देती है। नदी परिवहन अवसंरचना के विकास से राज्य की बड़ी जनसंख्या के लिए उसके जलमार्गों का उपयोग संभव होगा, रसद और यात्रियों दोनों के लिए परिवहन के मल्टी मॉडल विकल्प मिलेंगे, दूरदराज के इलाकों को कोलकाता मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के बाजारों व रोजगार के केंद्रों से जोड़ने और लॉजिस्टिक हब के रूपमें उभरने में सहायता मिलेगी। पहले चरण में परियोजना से अंतर्देशीय जल परिवहन प्रणाली की क्षमता बढ़ेगी और सुरक्षा में सुधार होगा, मौजूदा घाटों के पुनर्वास सहित उन्नत डिजाइन की नई फेरी खरीदी जाएंगी और 40 स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाए जाएंगे।
जलमार्ग सुधार परियोजना के दूसरे चरण में टर्मिनलों और घाटों सहित यात्री आवाजाही के लिए दीर्घकालिक निवेश को समर्थन दिया जाएगा, सबसे ज्यादा खतरनाक और व्यस्त रूटों व पारगमन बिंदुओं पर रात्रि परिवहन सुनिश्चित होगा, रो-रो जहाजों में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे हुगली नदी पर ट्रकों की आवाजाही आसान हो जाएगी। भारी बारिश और बाढ़ से बेहतर तरीके से पार पाने के लिए यात्री टर्मिनलों पर फेरी प्रवेश बिंदुओं के लिए मॉड्यूलर फ्लोटिंग डिजाइन सहित क्लाइमेट-स्मार्ट इंजीनियरिंग समाधान लागू किए जाएंगे। परियोजना से दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं मिलेंगी, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और आईडब्ल्यूटी विभाग के साथ ही फेरी परिचालकों के यहां महिलाओं के लिए रोज़गार को प्रोत्साहन मिलेगा। इंटरनेशन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट से 10.5 करोड़ डॉलर के कर्ज की परिपक्वता अवधि 7 साल की छूट अवधि के साथ 17 साल है।

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