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Thursday 7 January 2021 03:35:28 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि डीओपीटी यानी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग अधिकारियों की पदोन्नति और सशक्तिकरण में तेजी लाने का लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे प्रत्येक सरकारी अधिकारी समय पर उसे प्राप्त कर सके, साथ ही कर्मचारी अपनी अधिकतम क्षमता के साथ योगदान करने में सक्षम रहे। पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों ने आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में शामिल होने के अपने मामलों में तेजी लाने का अनुरोध किया है।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा की अतीत में ऐसे मामलों में लगातार देरी होने की प्रवृत्ति थी, लेकिन पिछले छह वर्ष में इन प्रक्रियाओं को आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ व्यवस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में डीओपीटी ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पदोन्नति के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न श्रेणियों में कई मुकद्में चलने के कारण अक्सर पदोन्नति में देरी होती है, जिसे डीओपीटी मीडिया के माध्यम से लगातार आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि कई बार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा कैडर की होने वाली समीक्षा में देरी भी इसका एक कारण है, इसके लिए भी डीओपीटी अलग-अलग राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के साथ लगातार समीक्षा और जरूरी कार्रवाई करता रहता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां तक पंजाब सिविल सर्विसेज का संबंध है तो डीओपीटी पहले ही उनके मामलों पर कार्रवाई कर चुका है और यूपीएससी ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे, जिनका जवाब राज्य सरकार को देना था। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि अधिकारियों की समयबद्ध पदोन्नति या सशक्तिकरण और वेतन वृद्धि, अधिकारियों को अपनी अधिकतम क्षमता के साथ काम करने में सक्षम बनाती है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति के तहत सरकार ने अधिकारियों के लिए काम का अनुकूल वातावरण प्रदान किया है, जिससे उनकी पहल और उत्साह में किसी भी कारण से समझौता न हो। प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप और समर्थन से लाए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने 2018 में लाए गए भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम का उल्लेख किया, जिसमें मामलों के समयबद्ध निपटान की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि अभियोजन के लिए पूर्व अनुमति के साथ यह विधेयक उन अधिकरियों को सुरक्षा प्रदान करता है, जो अपना कार्य ईमानदारी से करते हैं।