स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 12 January 2021 05:33:01 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर स्मरण किया और राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि समय बीतने के बाद भी स्वामी विवेकानंद का प्रभाव और असर हमारे राष्ट्रीय जीवन में बरकरार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और राष्ट्र-निर्माण के बारे में उनके विचार एवं जनता की सेवा व विश्व की सेवा करने के संबंध में स्वामी विवेकानंद की शिक्षा हमें लगातार प्रेरित करती रहती है। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत और संस्थानों में स्वामीजी के योगदान के बारे में बात की, कहा कि स्वामी विवेकानंद के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों ने संस्थानों का सृजन किया और बदले में नए संस्था निर्माता भी बनाएं। उन्होंने कहा कि इससे व्यक्तिगत विकास से संस्था निर्माण और इसके विपरीत क्रम में सद्गुण चक्र की भी शुरुआत हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत उद्यमशीलता और बड़ी कंपनियों के बीच संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लचीलेपन और नवाचारी शिक्षण प्रारूप का लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हम देश में एक ऐसे तंत्र का सृजन करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी अनुपस्थिति में अक्सर युवाओं को विदेशों की ओर देखने के लिए मजबूर होने पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वामी विवेकानंद ही थे जिन्होंने राष्ट्र की नींव के रूपमें आत्मविश्वासी, स्पष्ट-हृदय वाले, निडर और साहसी युवाओं की पहचान की थी। प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के मंत्रों को प्रस्तुत किया, जिनमें स्वामीजी ने शारीरिक फिटनेस के लिए मसल्स ऑफ आयरन एंड नर्व्ज ऑफ स्टील, व्यक्तित्व विकास के लिए अपने आपमें विश्वास और नेतृत्व एवं टीमवर्क के लिए सभी में विश्वास करना बताया है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को राजनीति में निस्वार्थ और रचनात्मक सहयोग देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि आज ईमानदार लोगों को सेवा करने और अनैतिक गतिविधियों के रूपमें बनी राजनीति की पुरानी धारणाओं को बदलने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने वंशवादी राजनीति के बारे में काफी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन लोगों पर भारी बोझ बन गया है, जिनकी विरासत भ्रष्टाचार ही थी। उन्होंने युवाओं से वंशवादी व्यवस्था को जड़ से समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वंशवादी राजनीति एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में अक्षमता और तानाशाही को जन्म देती है, क्योंकि ऐसे व्यक्ति परिवार की राजनीति और राजनीति में परिवार को बचाने की दिशा में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आज एक उपनाम की बैसाखी के सहारे चुनाव जीतने के दिन समाप्त हो गए हैं, लेकिन वंशवाद की राजनीति की परेशानी अभी दूर होना बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंशवादी राजनीति पहले राष्ट्र को आगे बढ़ाने के बजाय स्वयं और परिवार को बढ़ावा देती है, यह भारत में सामाजिक भ्रष्टाचार का एक प्रमुख कारण है। भुज भूकंप के बाद के पुनर्निर्माण कार्यों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने युवाओं को बताया कि आपदा में जो समाज अपना रास्ता खुद बनाना सीखता है, वह स्वयं अपना भाग्यलिखता है, इसलिए 130 करोड़ भारतीय स्वयं अपना भाग्य लिख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के युवाओं के प्रत्येक प्रयास और नवाचार, ईमानदार प्रतिज्ञा, हमारे भविष्य की मजबूत आधारशिला रख रहे हैं। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का आयोजन सेंट्रल हॉल में हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तीन युवा राष्ट्रीय विजेताओं के विचारों को भी सुना। महोत्सव में कॉंफ्रेंसिंग से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' और युवा मामले एवं खेल मंत्री किरेन रिजिजू भी शामिल हुए।