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Monday 18 January 2021 04:22:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवड़िया के लिए विभिन्न स्थानों से 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और रेखांकित किया कि हाल के वर्षों में रेलवे के बुनियादी ढांचा विकास के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया है इस बदलाव के चलते भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया को देश के विभिन्न भागों से जोड़ने के लिए 8 रेलगाड़ियों को शुरू किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने गुजरात में रेलवे की कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे पहले मौजूद बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करते हुए पुरानी व्यवस्था को बनाए रखने तक ही ध्यान केंद्रित किया जाता था, जबकि नए विचारों और नई प्रौद्योगिकियों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता था, इस सोच में बदलाव अपरिहार्य हो गया था। हाल के वर्षों में संपूर्ण रेलवे सिस्टम के कायाकल्प पर काम किया गया है और यह मात्र बजट में बढ़ोतरी तथा नई रेलगाड़ियां शुरू करने की घोषणा तक ही सीमित नहीं है, बदलाव विभिन्न मोर्चों पर आए हैं। उन्होंने केवड़िया को देश के विभिन्न स्थानों से जोड़े जाने की वर्तमान में परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिन्हें रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री ने समर्पित माल गलियारे को पहले से जारी व्यवस्था में बदलाव की सोच का एक ताज़ा उदाहरण बताया।
नरेंद्र मोदी ने पूर्वी-पश्चिमी माल गलियारे को हाल ही में राष्ट्र को समर्पित किया था। इस परियोजना के अंतर्गत 2006 से 2014 तक कार्य की प्रगति मात्र कागजों पर हुई थी और इस दौरान 1 किलोमीटर का भी नया ट्रैक नहीं बिछाया जा सका था। अब अगले कुछ दिनों में कुल 1100 किलोमीटर पर निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है। प्रधानमंत्री कहा है कि देश के जिन क्षेत्रों से सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका है और जो पीछे छूट गए थे, उन्हें रेलवे के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने दृढ़ता से कहा कि बड़ी लाईन और विद्युतीकरण की गति में तेजी आई है और पटरियां तेज गति के लिए तैयार की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलने में सक्षम हुई हैं और हम उच्च गति क्षमताओं की ओर बढ़ रहे हैं, इस कार्य के लिए बजट को कई गुना बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रेलवे पर्यावरण के अनुकूल हो, केवड़िया स्टेशन भारत का पहला रेलवे स्टेशन है जिसे ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणपत्र के साथ शुरू किया गया है। उन्होंने रेलवे से संबंधित विनिर्माण और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के महत्व पर भी जोर दिया, जिसके अब अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। यह उच्च हार्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन के स्थानीय निर्माण के कारण संभव हुआ कि भारत दुनिया की पहली डबल स्टैक्ड बहुत लम्बी कंटेनर ट्रेन शुरू कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्वदेश में निर्मित आधुनिक रेलगाड़ियों की एक श्रृंखला भारतीय रेल का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने रेलवे में परिवर्तन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कुशल विशेषज्ञों और पेशेवरों की आवश्यकता पर बल दिया। इस जरूरत ने वड़ौदरा में डीम्ड रेलवे यूनिवर्सिटी की स्थापना की। भारत में उन कुछ देशों में से एक है जहां इस तरह की क्षमता वाला संस्थान है, रेल परिवहन के लिए आधुनिक सुविधाएं, बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान, प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 20 राज्यों के प्रतिभाशाली युवाओं को रेलवे के वर्तमान और भविष्य को चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि यह नवाचार और अनुसंधान के माध्यम से रेलवे को आधुनिक बनाने में मदद करेगा। उन्होंने 18 किलोमीटर दभोई-चंदोद लाइन जिसे छोटी लाइन से बड़ी लाइन में बदला गया है, चंदोद से केवड़िया (32 किलोमीटर) नई बड़ी रेल लाइन, नए विद्युतीकृत प्रतापनगर-केवड़िया खंड (80 किलोमीटर), दभोई जंक्शन, चंदोद और केवड़िया के नए स्टेशन भवन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि प्रतापनगर-केवड़िया खंड (80 किलोमीटर) को शत-प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण नीति के रेल मंत्रालय के मिशन के अनुसार विद्युतीकृत किया गया है, यह अब हमारे देश की सभी दिशाओं से निर्बाध रेल संपर्क प्रदान करेगा।