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Thursday 18 April 2013 07:59:20 AM
नई दिल्ली। ट्राई ने टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए दिशा-निर्देश/मान्यता प्रणाली पर परामर्श पत्र जारी किया है। टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) देने वालीरेटिंग एजेंसियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई से विस्तृत दिशा-निर्देश/मान्यता प्रणाली पर अनुशंसा देने के लिए कहा था।
टीआरपी रेटिंग उपभोक्ताओं के देखे जाने वाले कार्यक्रमों के आधार पर तय की जाती है। दर्शकों की संख्या के आंकड़ों के आधार पर टीवी के विभिन्न कार्यक्रमों और चैनलों को रेटिंग दी जाती है। इन रेटिंग से किसी भी चैनल या कार्यक्रम की लोकप्रियता का पता चलता है और इससे विज्ञापनदाताओं, प्रसारणकर्ताओं और विज्ञापन एजेंसियों की व्यापारिक निर्णय लेने में मदद मिलती है। गलत रेटिंग से दर्शकों के बीच अलोकप्रिय कार्यक्रम जारी रह सकता है और अच्छे कार्यक्रम समाप्त हो सकते हैं, इसलिए कार्यक्रमों के लिए वास्तविक दर्शकों की संख्या बताने वाले और प्रतिनिधिक दर्शाने वाली रेटिंग प्रणाली की आवश्यकता है।
भरोसेमंद, पारदर्शी और प्रतिनिधिक टेलीविजन दर्शकों की संख्या बताने वाली प्रणाली की आवश्यकता आज विश्वभर में स्वीकार की गई है। वर्तमान में भारत में केवल एक एजेंसी टेलीविजन रेटिंग का काम कर रही है। कुछ अंशधारकों ने रेटिंग सेवाओं के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता से जुड़े मुद्दे उठाये हैं। एक भरोसेमंद टीआरपी प्रणाली के न होने से देश में टीवी उद्योग का विकास प्रभावित हो सकता है। रेटिंग एजेंसियों के आंकड़ों को प्रतिनिधिक, भरोसेमंद और पारदर्शी सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त प्रणाली, दिशा-निर्देश स्थापित करने की आवश्यकता है। इस परामर्श पत्र में कई विषयों पर चर्चा की गई है।
रेटिंग एजेंसियों के लिए मान्यता प्रणाली स्थापित करना, दर्शकों की संख्या जांचने के लिए प्रणाली, नमूने का आकार, नमूने वाले वाले घरों की गोपनीयता, रेटिंग एजेंसियों और उनके प्रयोगकर्ताओं के बीच क्रास होल्डिंग, शिकायतें दूर करने की प्रणाली, रेटिंग की बिक्री और प्रयोग, सूचना और जानकारी देने की आवश्यकता, लेखा परीक्षा, रेटिंग सेवाओं में प्रतियोगिता। परामर्श पत्र का पूर्ण विवरण ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in पर उपलब्ध है।