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Tuesday 19 January 2021 01:51:28 PM
नई दिल्ली। भारत में लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुक करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से देश में पहले सड़क सुरक्षा माह प्रारंभ किया गया है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन इस साल महीनेभर जागरुकता अभियान का आयोजन करने और विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार देने की योजना बनाई गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूपसे सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत की। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ वीके सिंह और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे।
सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम में अमृतसर से कन्याकुमारी तक एक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप सेफ स्पीड चैलेंज को हरी झंडी दिखाने और सड़क सुरक्षा के लिए पुरस्कार प्रदान करने के अलावा सड़क सुरक्षा पर एक फिल्म भी लॉंच की गई। राज्य सरकारों, पीएसयू और बीमा कंपनियों ने भी विभिन्न गतिविधियों, सेमिनार, वॉकाथॉन और पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता के जरिए सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान में भाग लिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सड़क जागरुकता भी शामिल है। देशभर में सड़क हादसों के कारणों और उन्हें रोकने के बारे में चालकों के साथ-साथ राहगीरों को भी अपनी ज़िम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में होने वाली क्षति केवल एक परिवार को दुःख नहीं देती, बल्कि देश के संसाधनों के लिए भी यह एक बड़ा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा जागरुकता को जन-जन तक पहुंचाकर हम जीडीपी का करीब 3 फीसदी नुकसान रोक सकते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य, मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति के लिए पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ राज्य परिवहन निगम, सुरक्षित राजमार्ग निर्माण में श्रेष्ठ काम करने वाले के लिए पुरस्कार, असाधारण काम करने वाला फील्ड अधिकारी और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाला एनजीओ जैसी श्रेणियां शामिल हैं। जिन्हें पुरस्कार नहीं मिला, ऐसे सभी संगठनों और हितधारकों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के सड़क सुरक्षा अभियान में इनका योगदान और मेहनत भी सराहनीय है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 4.5 लाख लोग घायल होते हैं, सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 70 फीसदी लोग तो 18-45 वर्ष के आयु वर्ग में आते हैं। उन्होंने कहा कि ये जानकर हैरानी होगी कि इन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों से देश की जीडीपी को 3.14 फीसदी के बराबर सामाजिक-आर्थिक नुकसान होता है।
नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों और क्षति को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, विभिन्न प्रयासों, नीतिगत सुधारों और सुरक्षित प्रणाली को अपनाकर वर्ष 2030 तक भारतीय सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं को शून्य करने की दिशा में सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में सरकार ‘जन-भागीदारी’ और ‘जन-सहभाग’ जैसे जन आंदोलन के माध्यम से ही कामयाब हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारों को केंद्रीय, राज्य और नगर निकायों के स्तर पर एक सकारात्मक सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए। नितिन गडकरी ने सुझाव दिया कि सभी सांसदों, विधायकों और जन प्रतिनिधियों को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से एक मंच प्रदान करना चाहिए और अपने चुनावी क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को मिशन मोड में आगे बढ़ाने के लिए इसमें पुलिस, डॉक्टर्स, पैरामेडिकल पेशेवर, एनजीओ, विद्यार्थी शामिल करने चाहिएं। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के 4ई के पुनर्गठन और उसे मज़बूत करने व सड़क दुर्घटना को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ये 4ई हैं-इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इंफोर्समेंट और इमरजेंसी केयर सर्विस।
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ वीके सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल महीनेभर चलने वाला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि जीवनभर जारी रहने वाला कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि सड़क पर प्रत्येक व्यक्ति को खुद वाहन चलाते समय और दूसरे वाहनों के चालकों से भी सतर्क रहना होगा। उन्होंने सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में सभी को जागरुक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक ऐसा माहौल पैदा करने की ज़रूरत है, जहां लोग केवल अपनी जान की परवाह नहीं, बल्कि दूसरों की जान की परवाह भी करें। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सड़क सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर कहा कि पिछले कुछ साल में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में देश के मानकों को वैश्विक स्तर पर ले जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रौद्योगिकी को निगरानी व्यवस्था के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता है।