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Thursday 21 January 2021 02:32:14 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 6 लाख से अधिक लाभार्थियों को वित्तीय सहायता जारी की। उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत भी की और कहा कि घर अपने आपमें एक बहुत बड़ी व्यवस्था होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग़रीबों, वंचितों और शोषितों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पांच साल पहले आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत के पल को याद किया, जिससे भारतीय गांवों का विकास एवं सुदृढ़ीकरण शुरु हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह योजना लाखों लोगों की आशाओं से जुड़ी हुई है और ग़रीबों को यह विश्वास दिलाया है कि वह भी मकान मालिक हो सकते हैं। गौरतलब है कि पीएम आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत प्रधानमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल 20 नवंबर 2016 में शुरु की थी, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से है, जो ग़रीबों के लिए घर बनाने के काम में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के 6 लाख परिवारों को उनके बैंक खाते में कुल 2600 करोड़ रुपये की धनराशि पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 6 लाख परिवारों में से 5 लाख को पहली किस्त मिलेगी, जिसका अर्थ है कि 5 लाख परिवारों के लिए उनके जीवन का इंतजार समाप्त हो गया है, इसी तरह 80 हजार परिवारों को उनकी दूसरी किस्त मिली, जिसका मतलब है कि अगली सर्दियों तक उनका अपना घर होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत देश के नागरिकों के आत्मविश्वास से सीधे जुड़ा हुआ है और स्वयं का एक घर इस आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देता है, एक स्व-स्वामित्व वाला घर जीवन में भरोसा दिलाता है और ग़रीबी से बाहर आने की आशा भी रखता है।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि पिछली सरकारों के समय में ग़रीबों को यह भरोसा नहीं था कि सरकार उनके घर का निर्माण करवाने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि पहले की योजना में बने मकानों की गुणवत्ता भी उचित नहीं होती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को गलत नीतियों का नुकसान उठाना पड़ा है, इस दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले हर ग़रीब परिवार को घर मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु की गई थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाल के वर्ष में 2 करोड़ आवास इकाइयों का निर्माण किया गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.25 करोड़ इकाइयों का निर्माण किया गया है, इन आवास इकाइयो के निर्माण में केंद्र सरकार का योगदान लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का है। प्रधानमंत्री ने राज्य में पिछली सरकारों के कार्यों में रह गई कमी को भी याद किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 22 लाख ग्रामीण अवासों का निर्माण किया जाना है, जिसमें से 21.5 लाख मकानों के निर्माण के लिए स्वीकृत दी जा चुकी है, भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 14.5 लाख परिवारों को अपना घर मिल चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अतीत के बुरे अनुभवों पर गौर करते हुए कुछ बातों को ध्यान में रखा गया है जैसेकि उन ग़रीब परिवारों को जिनके पास घर बनाने की सम्भावना समाप्त हो गई है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए, दूसरा आवंटन में पारदर्शिता, तीसरा मकान का स्वामित्व महिलाओं को प्राथमिकता के रूपमें मिलना चाहिए, चौथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से निगरानी करना और अंत में मकान सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आवास इकाइयां उन ग़रीब परिवारों को लाभांवित कर रही हैं, जो कच्चे मकानों में रह रहे थे, स्थानीय श्रमिक, छोटे किसान और भूमिहीन मजदूरों के पास घर बनाने की कोई उम्मीद नहीं थी। नरेंद्र मोदी ने योजना में महिला सशक्तिकरण के पहलू को रेखांकित किया, क्योंकि ये इकाइयां ज्यादातर परिवार की महिलाओं के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि भूमिहीन परिवारों को जमीन के दस्तावेज़ मिल रहे हैं और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रदान की जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका प्रयास ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राप्त सुविधाओं के बीच की खाई को कम करना है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों के लिए शहरी लोगों को प्राप्त सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनके जीवन को आसान बनाना है, इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना में शौचालय, प्रकाश, पानी और गैस कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी जोड़ा जाता है, इसका उद्देश्य यह है कि एक गरीब व्यक्ति को मूलभूत सुविधाओं के लिए इधर-उधर भागना न पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में से एक है, जहां इसे लागू किया गया है, इसके तहत ग्रामीणों को घर के स्वामित्व के कागज़ात के साथ उनकी जमीन मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हजारों गांवों में सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, ज़मीन की मैपिंग की जा रही है ताकि लोगों की संपत्ति सरकार के पास पंजीकृत रहे और भूमि विवाद समाप्त हो जाए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ग्रामीण इन घरों को गिरवी रखकर बैंक से ऋण ले सकेंगे, इससे ग्रामीण संपत्ति की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यह काम राज्य के 8.5 हजार गांवों में समाप्त हो गया है और लोगों को सर्वेक्षण के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट मिल रहे हैं, जिसे स्थानीय स्तर पर 'घरौनी' कहा जाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले ही 51 हजार से अधिक ऐसे प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इतनी सारी योजनाएं गावों तक पहुंच रही हैं तो न केवल गावों में सुविधाएं बढ़ रही हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी गति पकड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कें गांव के लोगों के जीवन को आसान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से 6 लाख से अधिक गांवों में तेजी से इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए काम चल रहा है, यह परियोजना ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को सहायता देने के लिए ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान के माध्यम से 10 करोड़ रोज़गार पैदा करके उत्तर प्रदेश को देश में पहला स्थान दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीणों के जीवनस्तर में सुधार हुआ है। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, उजाला योजना जैसे जीवन को सुगम बनाने के लिए विभिन्न पहलों को सूचीबद्ध किया, जिसने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। उन्होंने एक्सप्रेसवे और अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान-एम्स जैसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में कई बड़ी कंपनियां निवेश के लिए आ रही हैं, 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' यानी एक जनपद, एक उत्पाद के जरिए छोटी कंपनियों के लिए भी रास्ते खुले हैं, जहां स्थानीय कारीगर लाभांवित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कॉंफ्रेंसिंग से कार्यक्रम से जुड़े।