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Friday 22 January 2021 03:38:43 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने फिक्की के स्केड से तस्करी और फर्जी व्यापार के खिलाफ आंदोलन विषय पर आयोजित एमएएससीआरएडीई 2021 के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया और खुशी जताई कि एमएएससीआरएडीई के 7वें संस्करण में अभिनव नीति समाधानों पर चर्चा की जा रही जो फर्जी, तस्करी और नकली उत्पादों की बढ़ती लहर को उलट सकते हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी और दवाओं का अवैध धंधा करने वालों से जुड़ी चुनौतियों पर जोर दिया और कहा कि कोविड महामारी से उत्पन्न अव्यवस्था और इसे फैलने से रोकने के लिए तैयार की गई विभिन्न नीति प्रतिक्रियाओं के बीच गैर कानूनी तरीके से काम कर रहे लोगों ने अपनी नापाक गतिविधियों को बढ़ाने के एक अवसर के रूपमें महामारी का उपयोग किया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था, दुनियाभर में लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को काफी नुकसान पहुंचा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जालसाजी, तस्करी की रोकथाम में प्रवर्तन के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर हर साल अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए फिक्की एमएएससीआरएडीई की सराहना की।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि एमएएससीआरएडीई-2021 का उद्देश्य विशेष रूपसे कोविड युग के बाद जालसाजी और तस्करी की चुनौतियों को कम करने के लिए नई और व्यावहारिक रणनीतियों पर एक स्वस्थ चर्चा को बढ़ावा देना है, उनमें जागरुकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि कोविड-19 महामारी ने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली के लिए अभूतपूर्व जिज्ञासा खड़ी कर दी है, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता स्वास्थ्य सेवा को रोगी के करीब लाने के लिए मौजूदा डिलीवरी मॉडल को फिर से मजबूत कर रहे हैं। नकली दवाओं के खतरों की जांच करने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट-1940 में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अमेंडमेंट एक्ट-2008 के तहत संशोधन किया गया, जिसके अनुसार अगर किसी भी दवा को मिलावटी या नकली माना जाता है तो अपराधी या उत्तरदायी व्यक्ति को कारावास का सामना करना पड़ सकता है जो 10 वर्ष से कम नहीं होगा, जो आजीवन कारावास में बदल सकता है, शीघ्र निपटान के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अच्छी तरह से विकसित कानूनी ढांचा और महत्वपूर्ण प्रयासों के साथ सरकार ने ख़तरनाक जालसाजी और तस्करी से उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने जालसाजी और तस्करी के बढ़ते ख़तरों को दूर करने के लिए साथ आने पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि व्यवसाय और उद्योग को एक साथ आना चाहिए और उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने के अंतिम लक्ष्य के साथ इस बढ़ते ख़तरे से लड़ने के लिए सरकार की ताकत बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वितरण चैनल में जिन तरीकों से नकली, ग़लत नाम वाली और मिलावटी दवाएं प्रवेश कर गई हैं, वे तेजी से जटिल हो गए हैं, ये दवा उत्पादों की वितरण प्रक्रियाओं में कमजोर बिंदु आपूर्ति श्रृंखला में ऐसे उत्पादों के प्रवेश के लिए एक अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जहां उद्योग से जुड़े लोग इन खामियों को पहचानने और उन्हें दूर करने में मदद करने के लिए एक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। डॉ हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' आह्वान को दोहराते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल वास्तव में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रदान कर सकता है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने जहां मजबूत घरेलू ब्रांडों का उत्पादन शुरू कर दिया है और धीरे-धीरे विदेशी उत्पादों पर इसकी निर्भरता कम हो रही है, उससे तस्करों और जालसाजों की मुनाफाखोरी के रास्ते जल्द ही सीमित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून नकली माल की पहचान और नकली सामान के उत्पादकों पर मुकदमा चलाने के लिए भी अधिक प्रभावी हो जाएगा, इसलिए 'वोकल फॉर लोकल' अवैध व्यापार के खिलाफ देश की लड़ाई में एक अत्यंत शक्तिशाली उपकरण सिद्ध होगा। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सुरक्षा बलों और प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करके तस्करी, जालसाजी, समुद्री डकैती के अपराध करने वालों के लिए दंड बढ़ाने और अधिक वित्तीय और मानव संसाधन आवंटन करने से संबंधित मौजूदा नियमों की समीक्षा की जानी है। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन, वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गनाइजेशन के महासचिव कुनियो मिकुरिया, फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।