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Monday 25 January 2021 12:37:38 PM
कोकराझार। गृहमंत्री अमित शाह ऐतिहासिक बोडोलैंड टेरीटोरियल रीजन समझौते की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए असम के कोकराझार में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए और कहा कि आज से ठीक एक साल पहले बोडो टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) शांति समझौता हुआ था, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार पूरे उत्तर-पूर्व में जहां भी अशांति है सभी लोगों से वार्ता करके शांति का रास्ता प्रशस्त किया गया है। अमित शाह ने कहा कि मोदीजी की अगुवाई में बीटीआर क्षेत्र के समझौते को एक वर्ष पूरा हुआ है और शांति के नए युग की शुरुआत हुई है, वर्षों से चली आ रही बोडो क्षेत्र की समस्या जिसमें 5000 से ज्यादा लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि मोदीजी के दृढ़ निश्चय और मार्गदर्शन से इस क्षेत्र की समस्या का अंत हुआ एवं क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने विश्वास दिलाया कि बोडो क्षेत्र जो कभी रक्तरंजित हुआ करता था, हथियार उठाने और अपहरण करने वाले लोग थे वह कुछ ही साल में सबसे विकसित क्षेत्र क्षेत्र होने वाला है। अमित शाह ने कहा कि इस रैली में बोडो और नान बोडो दोनों उपस्थित हैं, इससे यह संदेश निकलता है की बोडो और नान बोडो दोनों धरती के पुत्र हैं, भारत के पुत्र हैं और दोनों मिलकर शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक बोडो समझौते में मौखिक और लिखित हुए वादों को भारत सरकार पूरा करके आपके विश्वास पर खरा उतरेगी। अमित शाह ने कहा कि इस समझौते के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विस्व शर्मा के प्रयास सराहनीय हैं। गृहमंत्री ने कहा कि न केवल असम, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में अशांति को समाप्त करने की शुरुआत बोडो शांति समझौते से हुई, इसके बाद ब्रू-रियांग समझौता किया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को उखाड़ फेंकने का काम किया गया है, यहां हाल के पंचायत चुनाव में पुलिस को एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी तथा शांतिपूर्ण मतदान हुआ।
अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने भी कई समझौते किए, किंतु उनकी अनुपालना नहीं हुई, वादे बहुत किए गए, लेकिन पूरे नहीं हुए, किंतु अब नरेंद्र मोदी सरकार है और जो वादे प्रधानमंत्री करते हैं, वह अपने ही कालखंड के अंदर पूरा भी करते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि बोडो क्षेत्र के लिए अनेक कार्य किए गए हैं और उनके विकास के लिए पूरी तत्परता से कार्य किए जा रहे हैं, विभिन्न आयोग और सलाहकार समितियों के माध्यम से बोडो क्षेत्र के निवासियों को विकसित करने का काम किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी शरणार्थियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, बोडो भाषा को सम्मान देने का काम किया जा रहा है और राज्य की सह भाषा का दर्जा देकर वर्षों पुरानी मांग भी परी की गई है। गृहमंत्री ने कहा कि असम सरकार इस क्षेत्र में 3 डिग्री कॉलेजों की स्थापना कर रही है, उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के नाम पर भी एक संस्थान होगा, करीब 500 करोड़ रुपये बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं और समग्र बोडो क्षेत्र में इस सड़कजाल के माध्यम से विकास किया जाएगा, 750 करोड़ रुपये की 65 योजनाओं को चालू कर दिया गया है और 565 करोड़ रुपये का अलग से आवंटन भी हो चुका है।
गृहमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही एक ऐसा मंत्र है, जो भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है, बोडो क्षेत्र की संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे और उसका संरक्षण और संवर्धन करते हुए आगे बढ़ाएंगे। अमित शाह ने कहा कि आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रगति को सुनिश्चित करने के साथ-साथ राजनीतिक अधिकारों को भी सुरक्षा देने का काम किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई और जो विकास पिछले 70 साल में नहीं हुआ वह विगत 5 साल में हुआ है, असम के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई बड़ी सफलता से लड़ी गई और मृत्यु दर .47% तक सीमित रही, जो एक अत्यंत सराहनीय है। अमित शाह ने कहा कि टीकाकरण के लिए बहुत सारे केंद्र बनाकर टीकाकरण की प्रक्रिया को आसान किया जा रहा है। गृहमंत्री ने कहा कि असम में समुचित विकास के माध्यम से टूरिज्म भी आएगा और राज्य का विकास होने के साथ-साथ पूरे नॉर्थईस्ट का विकास होगा। उनका कहना था कि असम की सरकार के पीछे केंद्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है, आप आगे बढ़ते रहिए। अमित शाह ने कहा कि असम को भ्रष्टाचार, घुसपैठिए, आतंकवाद और प्रदूषण मुक्त बनाने का काम मोदी सरकार ही कर सकती है।