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Tuesday 2 February 2021 04:46:56 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को आभार व्यक्त किया है। रक्षा बजट में 1.35 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल है, यह पूंजीगत व्यय पिछले वित्तवर्ष के मुकाबले करीब 19 प्रतिशत अधिक है और पिछले 15 वर्ष के दौरान पूंजीगत परिव्यय में अबतक की सर्वाधिक वृद्धि है। रक्षामंत्री ने कहा कि बजट में आर्थिक सुधारों, रोज़गार सृजन, पूंजी निर्माण और बुनियादी ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुशासन के 6 स्तंभों पर आधारित यह बजट भारत को समावेशी विकास और समृद्धि के युग में ले जाएगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट संदेशों में कहा कि बजट में भारत के किसानों, कृषि, बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के सुदृढ़ीकरण को समर्थन देने के लिए कई नई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। उन्होंने खुशी जताई कि इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव भी किया गया है, जिनका निर्माण कार्य राज्यों, गैर सरकारी संगठनों और निजी संस्थानों की सहभागिता से किया जाएगा। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद भवन में वित्तवर्ष 2021-22 का बजट पेश किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में 18.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, इस दिशा में यह जरूरी और एक ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रक्षा बजट आवंटन को बढ़ाकर 4,78,195.62 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा सेवाओं और संगठनों व विभागों (रक्षा क्षेत्र की पेंशन को छोड़कर) के लिए वित्तवर्ष 2021-22 में कुल 3,62,345.62 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो वित्तवर्ष 2020-21 की तुलना में 24,792.62 करोड़ रुपये अधिक है। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचा विकास से संबंधित पूंजीगत व्यय के तहत आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। वित्तवर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय आवंटन 1,35,060.72 करोड़ रुपये है, जो वित्तवर्ष 2020-21 की तुलना में 18.75 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2019-20 की तुलना में 30.62 प्रतिशत अधिक है।
रक्षा परिव्यवय में पिछले 15 वर्ष के दौरान यह अबतक की सर्वाधिक वृद्धि है। परिचालन संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए गैरवेतन राजस्व के तहत आवंटन को बढ़ाकर 54,624.67 करोड़ रुपये किया गया है, जो 6 प्रतिशत अधिक है। डीआरडीओ के लिए पूंजीगत आवंटन को बढ़ाकर 11,375.50 करोड़ रुपये किया गया है, जो वित्तवर्ष 2020-21 की तुलना में 8 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2019-20 की तुलना में 8.5 प्रतिशत अधिक है। सीमा सड़क संगठन के लिए आवंटित बजट को बढ़ाकर 6004.08 करोड़ किया गया है, जो वित्तवर्ष 2020-21 के मुकाबले 7.48 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2019-20 के मुकाबले 14.49 प्रतिशत अधिक है।