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सीमा मुद्दों पर सरकार का विशेष जोर-राज्यमंत्री

'शैक्षणिक परिसर विश्वविद्यालय सीमा सुरक्षा' विषय पर सेमिनार

सुरक्षा बलों और रहवासियों से संबंधित मुद्दों के समाधान हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 3 February 2021 03:04:50 PM

dr jitendra singh

नई दिल्ली। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि यह एक विडंबना है कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर देश की सीमाओं या सीमा से जुड़े लोगों और मुद्दों को बहुत अधिक जगह नहीं मिलती है, अकादमिक पाठ्यक्रम में भी बहुत चर्चा नहीं होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के फेकल्टी द्वारा आयोजित 'शैक्षणिक परिसर विवि सीमा सुरक्षा' विषय पर सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा सीमा मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार का विशेष जोर है और जबसे मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है, तबसे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों और साथ ही रहवासियों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों में यहां के विपरीत न केवल सीमा और युद्ध से संबंधित मुद्दों को पाठ्यक्रम में एक महत्वपूर्ण स्थान मिला है, बल्कि छात्र अपने शैक्षणिक कैरियर से कुछ समय सेना के साथ या तो प्रशिक्षुओं या शोधकर्ताओं के रूपमें बिताने की परंपरा का भी पालन करते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्थान को छात्रों के लिए नियमित शैक्षिक यात्राओं के कार्यक्रम में सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल छात्रों को राजनीतिक और देशभक्ति की भावना का एहसास होगा, बल्कि उन्हें सीमा पर सैनिकों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों का भी एहसास होगा जो भूखे रहते हैं और हमें बचाने के लिए जागते हैं, ताकि हम अपनी गतिविधियों को आसानी से अंजाम दे सकें।
डॉ जितेंद्र सिंह ने सीमा सुरक्षा बलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के समय में सीमा पर तैनात सेना बल पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास और आजादी के साथ परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने के लिए अधिक स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब महसूस कर रहे हैं कि एक सरकार है जो उनकी देखभाल करती है, क्योंकि यह केवल पिछले कुछ वर्ष में हुआ है कि लोगों घरों में सुरक्षा बंकर बनाए गए हैं, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शौचालय निर्माणाधीन हैं और मानव के साथ-साथ पशुधन के लिए बीमा कवर बढ़ाया गया है, सबसे ऊपर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले युवाओं के लिए नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में 4% आरक्षण दिया गया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्वान और सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले विभिन्न संगठन कुछ ठोस प्रस्तावों के साथ आ सकते हैं, जिन्हें शिक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा जा सकता है, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने सुरक्षा बलों में नौकरियों के लिए कैंपस प्लेसमेंट की व्यवहार्यता पर उसी तर्ज पर काम करने का आह्वान किया, जैसाकि इंजीनियरिंग, आईटी सेक्टर आदि में नौकरियों के लिए किया जाता है।

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