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'..सड़कों ने रौंदा उसे, बना दिया फुटपाथ'

वरिष्ठ कवि डॉ ज्ञानेश दत्त हरित की 'चाकरी शब्दों की'

पंख प्रकाशन का एक लाजवाब मुक्तक एवं दोहा संग्रह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 7 February 2021 01:43:31 PM

mukt and doha collection of pankh publication

मेरठ। पंख प्रकाशन ने मेरठ के वरिष्ठ कवि डॉ ज्ञानेश दत्त हरित की पुस्तक मुक्तक एवं दोहा संग्रह 'चाकरी शब्दों की' प्रकाशित की है। यह संग्रह पाठकों के बीच आ चुका है। डॉ ज्ञानेश दत्त हरित का यह संग्रह उनकी पांचवी कृति है। इससे पूर्व की भी उनकी कृतियां पाठकों में काफ़ी चर्चित रही हैं। दोहा एक ऐसी विधा है, जिसमें कम शब्दों में रचनाकार को अपनी बात कहनी होती है और इस कार्य में ज्ञानेश दत्त हरित एक सिद्धहस्त नाम हैं। देखिए उन्होंने दोहों में भी नया प्रयोग किया है-
'शहरों ने जब गाँव का लिया हाथ में हाथ।
सड़कों ने रौंदा उसे, बना दिया फुटपाथ।'
हमारी ज़िंदगी की आम बातों को 'चाकरी शब्दों की' के संग्रह में बेहद सलीके से मुक्तक और दोहों में ढाल कर रचनाकार ने रोचक रूप दिया है। केवल 64 पृष्ठ की यह पुस्तक सच में काफी प्रेरक, अच्छी और पठनीय है। डॉ ज्ञानेश दत्त हरित वर्धमान डिग्री कॉलेज बिजनौर के बीएड विभागाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं लेखों और मंचों पर प्रस्तुतियों से रचना और लेखन क्षेत्र में संभावनाओं, कविता लेखन विधा तथा कवियों साहित्यकारों और लेखकों की समाज को दी गई दिशा पर सदैव विस्तार से प्रकाश डाला है।

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