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'थ्री इन वन' थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय!

भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से जेपी नड्डा ने दी श्रद्धांजलि

भाजपा ने मनाई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि

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Thursday 11 February 2021 11:49:04 PM

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि ‘समर्पण दिवस’ पर भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आशा व्यक्त की हैकि उनके कार्यकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को आत्मसात कर राष्ट्रसेवा में तत्पर रहेंगे। इस आह्वान के साथ उन्होंने भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लिए श्रद्धांजल‌ि संबोधन में कहा कि उन्होंने भारतीय रीति, नीति और संस्कृति के अनुसार एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत को प्रतिपादित किया और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित और आदिवासियों के कल्याण को शीर्ष प्राथमिकता दी। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताये मार्ग पर ही आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी की सभी सरकारों की योजनाओं में अंत्योदय का मूल सिद्धांत रहा है, चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों की हर योजनाओं में यह चिंतन होता है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को कैसे विकास की राह पर आगे बढ़ाया जा सकता है।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में कोई राजनेता होता है, कोई विचारक होता, कोई संगठक होता है, लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ‘थ्री इन वन’ थे, वे एक समर्पित राजनेता, महान विचारक और कुशल संगठक भी थे। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि अकेले खुशहाल होने से समाज का परिवर्तन नहीं होता, जबकि सबके खुशहाल होने से ही हम आगे बढ़ सकते हैं, जबतक समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास नहीं होगा तबतक समाज खुशहाल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति और राजनीतिक दल साध्य हो सकते हैं, साधन नहीं, ये माध्यम हो सकते हैं, लेकिन अंतिम लक्ष्य नहीं, इसलिए हमें इस माध्यम का उपयोग अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के विकास के लिए करना है। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही उद्बोधन में कहा था कि हमारी सरकार देश के गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित और आदिवासियों को समर्पित सरकार है।
जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो पॉलिसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति और स्वास्थ्य नीति लेकर आये हैं, इन नीतियों को भी देखें तो इनमें भी यह बात निहित है कि संपूर्ण भारत का शिक्षा और स्वास्थ्य में किस तरह विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन काल में हम सबने देखा कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत को जमीन पर उतारते हुए मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि जब कोरोना दवाई की बात आई तो उन्होंने न केवल देश को उपलब्ध कराई, बल्कि पूरी दुनिया को उपलब्ध कराई। इसी तरह टीकाकरण की बारी आई तो भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में भी उपलब्ध कराई गई। गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक ओर तो गरीबों का सशक्तिकरण किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने की बुनियाद रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में सभी राजनीतिक दल लॉकडाउन की अवस्था में थे, वहीं भाजपा अकेली ऐसी पार्टी थी, जिसके कार्यकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरणा लेकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए रास्ते पर समर्पित भाव से निकले और मानवता की सबसे बड़ी सेवा की।
भाजपा कार्यालय में दीनदयाल उपाध्याय की यह 53वीं पुण्यतिथि थी, जिसे ‘समर्पण दिवस' के रूपमें मनाया गया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित राज्यसभा सांसदों एवं भाजपा पदाधिकारियों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दिखाए मार्ग को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने इससे पहले अंबेडकर इंटरनेशनल स्टेडियम में समर्पण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सुबह-सुबह भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय को पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। जेपी नड्डा ने कहा कि संसद सत्र होने के कारण तय किया गया कि हमारे सभी सांसद आज यहां उपस्थित होकर पुण्यतिथि मनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संगठन के प्रति बड़ा समर्पण है और जब भी पार्टी ने उनसे कोई निवेदन किया तो उसे उन्होंने स्वीकार ही नहीं किया, बल्कि मजबूती देने एवं मार्गदर्शन करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देशभर में हम सब पंडित दीनदयाल की पुण्यतिथि को ‘समर्पण दिवस' के रूपमें याद कर रहे हैं और उनके बताएं रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

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