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Wednesday 17 February 2021 04:09:36 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, संचार और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में मोबाइल फोन पर अवांछित संदेशों, एसएमएस के जरिए बार-बार उत्पीड़न किए जाने, धोखाधड़ी वाले ऋण लेनदेन का वादा करने आदि से जुड़ी उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंता और नाराजगी को दूर करने एवं इन सबसे भी ऊपर डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। सचिव (टी), सदस्य (टी) और डीडीजी (एक्सेस सर्विस) ने भी बैठक में भाग लिया। संचार मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दूरसंचार उपभोक्ताओं के उत्पीड़न में शामिल व्यक्तियों और टेलीमार्केटिंग कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उपभोक्ताओं के उत्पीड़न के तरीकों में अवांछित वाणिज्यिक संदेश या कॉल शामिल हैं।
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दूरसंचार संसाधनों का उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी करने और आम आदमी की मेहनत की कमाई को ठगने के लिए भी किया जा रहा है, इस तरह की गतिविधियों को तत्काल रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त और ठोस कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए। अधिकारियों ने बताया कि डू-नॉट डिस्टर्ब सेवा में पंजीकृत ग्राहकों को भी पंजीकृत टेली-मार्केटर्स की ओर से वाणिज्यिक संवाद मिलना जारी है और गैर-पंजीकृत टेली-मार्केटर्स भी ग्राहकों को वाणिज्यिक संवाद भेज रहे हैं। संचार मंत्री ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और टेलिमार्केटिंग कंपनियों के साथ बैठक कर उन्हें इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराने और इस संबंध में निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन में किसी भी उल्लंघन पर टेलिमार्केटिंग करने वालों के खिलाफ वित्तीय जुर्माना लगाने और उल्लंघन का दोहराव होने पर संसाधनों की सुविधा को काट दिए जाने का प्रस्ताव किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि अवांछित वाणिज्यिक संचार और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के जरिए किए जा रहे वित्तीय धोखाधड़ी से कारगर तरीके से निपटने के लिए एक वेब/ मोबाइल एप्लिकेशन और एसएमएस आधारित प्रणाली विकसित की जाएगी, इससे दूरसंचार उपभोक्ताओं को यूसीसीसे जुड़े मामलों से जुड़ी अपनी शिकायतें दर्ज कराने में मदद मिलेगी। उन्होंने दूरसंचार संसाधनों के उपयोग के सहारे की जाने वाली धोखाधड़ी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जामताड़ा और मेवात के इलाकों में बढ़ती चिंताओं के कारण दूरसंचार सेवाओं के परिचालन को अवरुद्ध करने सहित विशेष रणनीति तैयार करने का भी निर्देश दिया। अधिकारियों ने संचार मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया कि यूसीसी और वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के लिए समय अत्यंत ही महत्वपूर्ण तत्व है और त्वरित समयबद्ध कार्रवाई से इस तरह के खतरों को कम करने में मदद मिलेगी, इसीके अनुरूप डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट नाम की एक नोडल एजेंसी की स्थापना की जाएगी।
डीआईयू का मुख्य कार्य दूरसंचार संसाधनों से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी की गतिविधि की जांच में विभिन्न एलईए, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करना होगा। लाइसेंस सेवाक्षेत्र स्तर पर टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन सिस्टम भी विकसित की जाएगी। उपरोक्त प्रणाली डिजिटल तंत्र में लोगों के विश्वास को मजबूत करेगी और मुख्य रूपसे मोबाइल के जरिए किये जाने वाले वित्तीय डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगी, जिससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।