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Thursday 18 February 2021 12:02:10 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, रेलवे, उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है। पीयूष गोयल ने अमरीका-भारत के वार्षिक यूएसआईबीसी के उद्घाटन पर वर्चुअल संबोधन में कहा कि हमने आधा ट्रिलियन डॉलर का एक सामान्य लक्ष्य निर्धारित किया है और उम्मीद जताई है कि इसे दोनों देशों के बीच निरंतर जुड़ाव के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका-भारत एक दूसरे के पूरक हैं, अमेरिका प्रौद्योगिकी, वित्त और नवाचार की पेशकश करता है, जबकि सेवा देने के लिए आवश्यकता के साथ भारत का एक बड़ा बाज़ार है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों देशों के बीच संबंधों में पारदर्शिता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक सेवाप्रदाता आकांक्षी बाज़ार प्रदान करता है। पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका को भारत में मूल्य मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील होना होगा, जो ग़रीबी से बाहर आ रही उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक विनिर्माण आधार के रूपमें भारत में अमरीकी व्यवसायों को आमंत्रित करते हुए कहा कि यहां से आप एक बड़े भारतीय बाज़ार की सेवा कर सकते हैं, साथ ही लागत-प्रतिस्पर्धी उत्पादों के माध्यम से वैश्विक बाजारों को भी सेवा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा, खनन, श्रम और कृषि क्षेत्रों में हमारे सुधार अमेरिकी कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेंगे। उन्होंने केंद्रीय बजट में बीमा में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने की घोषणा की भी जानकारी दी।
पीयूष गोयल ने कहा कि वह भारत-अमेरिका के बीच व्यापार के लिए द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र, व्यापार नीति फोरम और निरंतर जुड़ाव के माध्यम से इन संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए वाणिज्यिक संवाद के प्रति आशांवित हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के रूपमें हम अपने लोगों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं, हमारी सोच में काफी तालमेल है और उन्हें यह जानकर प्रसन्नता है कि अमेरिका का नया प्रशासन पेरिस समझौते में फिरसे शामिल हो गया है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ डिजिटल क्षेत्र में विस्तार करने का भी इच्छुक है। उन्होंने कहा कि डेटा निजता के लिए हमें भारतीयों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहना होगा। पीयूष गोयल ने कहा कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ बहुत से मुद्दे हैं और भारत इस मामले में अपनी नीति क्षेत्र की सुरक्षा करना चाहेगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत 500 मिलियन लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि अपने लोगों के लिए हमें स्वास्थ्य लागत को काफी सस्ता रखना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ मायनों में भारत को पहले से ही 'विश्व की फार्मेसी' के रूपमें मान्यता प्राप्त है, क्योंकि हम विश्व के बड़े हिस्सों को सस्ती कीमत पर बहुत सारी जैनरिक औषधियां प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर बजट में काफी वृद्धि की गई है और प्रत्येक घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अगले 4-5 वर्ष में 'जल जीवन मिशन' पर निवेश वृद्धि का कार्य भी किया जाएगा।