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भारत प्रगति के लिए उत्सुक है-प्रधानमंत्री

नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम में संबोधन

'टेक उद्योग को अनावश्यक नियमों से मुक्त करेंगे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 February 2021 02:32:38 PM

narendra modi addressing the nasscom technology and leadership forum

नई‌ दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम को संबोधित किया और कोरोना अवधि के दौरान आईटी उद्योग की उनके लचीलेपन के लिए सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कठिन परिस्थितियां थीं तो आपके कोड ने चीजों को अच्‍छी तरह चलाया। उन्होंने उत्‍पादन कम होने की आशंकाओं के बीच क्षेत्र में 2 प्रतिशत वृद्धि और राजस्व में 4 अतिरिक्‍त बिलियन डॉलर वृद्धि की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत प्रगति के लिए उत्सुक है और सरकार इस भावना को समझती है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाएं हमें तीव्र गति से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं, नए भारत से संबंधित उम्मीदें निजी क्षेत्र से भी हैं, क्योंकि वे सरकार से हैं और सरकार इस बात से अवगत है कि प्रतिबंध भविष्य के नेतृत्व के विकास के लिए अनुकूल नहीं हैं, सरकार टेक उद्योग को अनावश्यक नियमों से मुक्त करने के लिए काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय संचार नीति, भारत को वैश्विक सॉफ्टवेयर उत्पाद केंद्र और अन्य सेवा प्रदाता बनाने की नीति की जानकारी दी, जिसके लिए दिशा-निर्देश कोरोना अवधि के दौरान जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि उत्‍तम दर्जे के 12 सेवा क्षेत्रों में सूचना सेवाओं का समावेश फल देने लगा है, नक्शों और भू-स्थानिक आंकड़ों के हाल के उदारीकरण से टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम और आत्‍मनिर्भर भारत के व्यापक मिशन को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों को नए अवसरों का लाभ उठाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, सरकार को स्टार्टअप और नवोन्‍मेष पर पूरा भरोसा है, स्व-प्रमाणन, शासन में आईटी समाधानों का उपयोग, डिजिटल भारत के माध्यम से डेटा के जनतंत्रीकरण जैसे कदमों ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने सरकार में लोगों के बढ़ते विश्वास की चर्चा की। उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा निगरानी के लिए फाइलों से डैशबोर्ड पर शासन लाया गया है। उन्होंने जीईएमपोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीद में प्रक्रिया और पारदर्शिता में सुधार का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने शासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचा उत्पादों, गरीबों के घरों और इस तरह की परियोजनाओं के जियो टैगिंग का उदाहरण दिया, ताकि उन्हें समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने विशेष रूपसे कर से संबंधित मामलों में पारदर्शिता में सुधार के लिए गांव के परिवारों की मैपिंग में ड्रोन के उपयोग और ह्यूमन इंटरफेस में कमी की बात कही। प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप संस्थापकों से आह्वान किया कि वे खुद को सिर्फ मूल्‍यांकन और पीछा छुड़ाने के पूर्व नियोजित तरीकों तक सीमित न रखें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोचें कि आप ऐसी संस्थाएं कैसे बना सकते हैं, जो इस सदी से अधिक ठहरेंगी और जो उत्कृष्टता में वैश्विक मानदंड स्‍थापित कर सकें। प्रधानमंत्री ने तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी लोगों से अपने समाधान में मेक फॉर इंडिया की छाप पर जोर देने के लिए भी कहा। उन्होंने आह्वान किया कि वे गति और भारतीय तकनीकी नेतृत्व को बनाए रखने के लिए प्रतिस्पर्धा के नए मापदंडों को स्थापित करें। उन्होंने उत्कृष्टता और संस्थान निर्माण की संस्कृति पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर विश्वस्तरीय उत्पादों और अग्रणी लोग देने के बारे में सोचें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए अग्रसक्रिय तकनीकी समाधान देना तकनीक उद्योग की जिम्मेदारी है। उन्होंने उनसे कृषि क्षेत्र में पानी और भूमि को उपजाऊ बनाने की विधि, स्वास्थ्य और तंदुरूस्‍ती, टेली मेडिसिन और शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में समाधान के लिए काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अटल टिंकरिंग लैब, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर जैसे कदम कौशल और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और इन्‍हें उद्योग के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने सीएसआर गतिविधियों के परिणामों पर ध्यान देने का भी आह्वान किया और पिछड़े क्षेत्रों एवं डिजिटल शिक्षा कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। उन्होंने उन अवसरों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया, जो उद्यमियों और नवप्रवर्तकों के लिए टियर -2 और टियर -3 शहरों में उभर रहे हैं।

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