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Tuesday 23 February 2021 02:00:55 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने वर्टिकल लॉंच शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल के दो प्रक्षेपण किए, जो सफल रहे। ओडिशा तट के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से एक स्थिर ऊर्ध्वाधर लॉंचर से यह प्रक्षेपण किया गया था। वीएल-एसआरएसएएम को समुद्र-स्किमिंग लक्ष्यों सहित नज़दीकी सीमाओं पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए भारतीय नौसेना के लिए डीआरडीओ ने डिजाइन तथा विकसित किया है। ये प्रक्षेपण इस मिसाइल के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत ऊर्ध्वाधर प्रक्षेपण क्षमता के प्रदर्शन के लिए किए गए हैं। दोनों प्रक्षेपण में मिसाइल पिनपॉइंट सटीकता के साथ सिम्युलेटेड लक्ष्यों को भेदने में सफल रही।
वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल का परीक्षण न्यूनतम और अधिकतम रेंज के लिए किया गया था। परीक्षण के दौरान वीएल-एसआरएसएएम के साथ हथियार नियंत्रण प्रणाली को तैनात किया गया था। प्रक्षेपण की निगरानी इसके डिजाइन और विकास में शामिल डीआरडीएल, आरसीआई हैदराबाद और आरएंडडी इंजीनियर्स पुणे जैसी डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने की। प्रक्षेपण के दौरान आईटीआर चांदीपुर में तैनात रडार, ईओटीएस और टेलीमेट्री सिस्टम जैसे विभिन्न रेंज उपकरणों के एकत्रित किए गए उड़ान डेटा का उपयोग करके उड़ान पथ और व्हीकल के प्रदर्शन मापदंडों की निगरानी की गई।
हालांकि भारतीय नौसेना के जहाजों पर इसकी तैनाती से पहले कुछ और परीक्षण किए जाएंगे। तैनात होने के बाद वीएल-एसआरएसएएम प्रणाली भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने वाली साबित होगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को इसके सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। डीआरडीओ के चेयरमैन और सचिव (डीडी आरएंडडी) डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल सिस्टम के सफल परीक्षण में शामिल टीम को बधाई दी।