स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 23 February 2021 02:11:53 PM
दार्जिलिंग। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग के राजभवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन किया। यह महोत्सव 22 फरवरी से 24 फरवरी तक है। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। प्रहलाद सिंह पटेल ने इस अवसर पर कहा कि स्थानीय कलाकारों की छिपी हुई प्रतिभा को एक मंच के माध्यम से प्रदर्शित करने की आवश्यकता है और केंद्र सरकार ने कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की पहल की है। प्रहलाद पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव हमें भारत की विभिन्न कलाओं और संस्कृतियों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है और अनेकता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमारे देश का प्रतीक है।
संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने युवाओं के लिए संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों से युवा कलाकारों को उनके लाभ के लिए कैसे इस आयोजन से जोड़ा जा सकता है, इस बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए। महोत्सव की शुरुआत ओडिसी विजन एंड मूवमेंट केंद्र की नृत्य प्रस्तुति के साथ हुई, इसके बाद डोना गांगुली (ओडिसी), माइकल (सैक्सोफोन), शायनी हैरियट (बैंड) ने अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। महोत्सव के दूसरे दिन शौनक चट्टोपाध्याय ने रवींद्र संगीत गायन प्रस्तुत किया। महोत्सव में नीलम डांस मंडली ने एक रचनात्मक नृत्य गायन, डैनियल एंगती के पूर्वोत्तर बैंड तथा कामरान और उनके साथियों ने बैंड की प्रस्तुति दी। महोत्सव के अंतिम दिन अनुत्तम बौल के बैल गीत, इसके बाद संस्कृति श्रेयस्कर का कथक बैले और एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में देशभर से हस्तकला के 20 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्कृष्ट हाथ से तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ वर्ष 2015 से संस्कृति मंत्रालय का प्रमुख त्योहार राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव भारत की जीवंत संस्कृति को ऑडिटोरिया और कला दीर्घाओं की सीमा से बाहर निकालकर लोगों के बीच प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह अन्य राज्यों में एक विशेष राज्य के लोक और जनजातीय कला, नृत्य, संगीत, व्यंजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने में सहायक है, जो एक भारत श्रेष्ठ भारत के विशिष्ट लक्ष्य को मजबूत करता है और साथ ही कलाकारों एवं कारीगरों को उनकी आजीविका का समर्थन करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के नवंबर 2015 से अबतक दस संस्करण विभिन्न राज्यों और शहरों जैसे दिल्ली, वाराणसी, बेंगलुरु, तवांग, गुजरात, कर्नाटक, टिहरी और मध्य प्रदेश में आयोजित किए जा चुके हैं।
स्थानीय कलाकारों सहित प्रसिद्ध कलाकार इस प्रमुख उत्सव का एक हिस्सा हैं। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021 लोककला रूपों की उपलब्धि को शामिल करेगा और यह स्थापित एवं उभरते हुए सदाचार में सर्वश्रेष्ठ अनुभव करने का मौका प्रदान करेगा। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव भारत के संदर्भ में लोगों विशेषकर युवाओं को सदियों पुरानी अपनी स्वदेशी संस्कृति, इसकी बहुआयामी प्रकृति, भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के साथ भारत को राष्ट्र के रूपमें फिरसे जोड़ देगा। इस अवसर पर दार्जिलिंग के संसद सदस्य राजू बिस्ता भी उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ 24 फरवरी को महोत्सव का समापन करेंगे।