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Friday 26 February 2021 05:46:43 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार कभी भी ये हिमाकत नहीं कर सकती कि वह कोई ऐसा कानून बनाए, जो किसानों का नुकसान करने वाला हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कृषि सुधार कानून बनाए हैं, जिनके माध्यम से किसान चाहे तो मंडी के बाहर कहीं भी, किसी को भी मनचाही कीमत पर अपनी फसल बेच सकता है। कृषिमंत्री ने सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को मंडी के बाहर उपज की खरीद-बिक्री पर किसी भी तरह के टैक्स से माफी दी, बिना टैक्स के कहीं भी उपज बेचने की अनुमति दी और कानूनी बंदिशों से आजादी दी है तो इसमें ग़लत क्या है? उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकारें टैक्स लगा रही हैं, उनके खिलाफ तो नहीं बोल रहे हैं, आंदोलनकारी भाई उन लोगों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जिन्होंने (भारत सरकार ने) किसानों की फसल पर टैक्स माफ कर दिया है।
कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये बातें दिल्ली में तीन दिवसीय वार्षिक पूसा कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ करते हुए कहीं। गौरतलब है कि यह मेला कृषि कुंभ कहलाता है, जिसमें बड़ी संख्या में देशभर के आम किसान, प्रगतिशील किसान शामिल होते हैं। इन किसानों के समक्ष कृषिमंत्री ने सवाल उठाया कि क्या यह आंदोलन न्यायोचित है तो किसानों ने एक स्वर से आवाज़ उठाई नहीं। किसानों द्वारा सरकार के समर्थन में सकारात्मक प्रत्युत्तर पर कृषिमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से यह आंदोलन हो रहा है, हमारे देश में लोकतंत्र है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और कुछ लोग तो देश में ऐसे है कि जब सुबह उनकी नींद खुलती है, तभीसे वे मोदीजी को कोसने का रात को सोने तक संकल्प ले लेते हैं, बस अंतर इतना ही है कि कभी चेहरा किसी का होता है, कभी चेहरा किसी और का। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदीजी देश को आगे बढ़ा रहे है, यह बहुत सारे लोगों को रास नहीं आ रहा है। आत्मनिर्भर किसान की थीम पर इस मेले में नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से मोदी सरकार की कृषि क्षेत्र की मजबूती और प्रगति के लिए संचालित अनेक योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा लाभ लेने का आग्रह करते हुए कहा कि देश का किसान मजबूत होगा तो गांव मजबूत होगा, खेती समृद्ध होगी तो भारत समृद्ध होगा, तभी आने वाले कल में भारत दुनिया के श्रेष्ठ राष्ट्र के रूपमें स्थापित हो पाएगा।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत दुनिया का सिरमौर बने, इसमें सबसे अधिक भूमिका कोई निर्वाह कर सकता है तो वह मेरे देश का अन्नदाता किसान है। उन्होंने आह्वान किया कि सरकार की योजनाओं के साथ ही नए-नए कृषि अनुसंधान का लाभ लीजिए, खेती को आत्मनिर्भर बनाइए, अपने देश को भी आत्मनिर्भर बनाइए। कृषिमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानी क्षेत्र से कानूनी बंदिशें हटाने, 10 हजार नए एफपीओ बनाने और 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसे ठोस उपायों के कारण निजी निवेश गांव-गांव तथा खेतों तक पहुंचेगा, इससे देश के 86 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसानों को काफी लाभ मिलेगा। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खेती के क्षेत्र में हमारे पास रकबा, मानव संसाधन, अच्छी गुणवत्ता के बीज, अच्छी तकनीक भी है, हमारे किसानों का परिश्रम है, पूसा जैसे संस्थानों का अनुसंधान है, हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र है तो फिर कोई कारण नहीं कि भारतवर्ष इतने बड़े भूगोल के बावजूद कृषि के क्षेत्र में दुनिया में बादशाहत न कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों में वो ताकत है कि हम दुनिया में खेती के मामले में श्रेष्ठ राष्ट्र बन सकते हैं, लेकिन वक्त की नजाकत को पहचानना होगा, वक्त के साथ चलना होगा, कदम से कदम मिलाना होगा, प्रतिस्पर्धा में दौड़ना होगा, फसल की गुणवत्ता बढ़ानी होगी और फसल का वाजिब मूल्य किसान को मिल सकें, इसके लिए जो निर्णय सरकार ने लिए हैं, उनपर भी सभी को दृष्टि डालनी होगी।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हमारे किसान व वैज्ञानिक प्रगति कर रहे हैं, सरकार भी कृषि क्षेत्र की तरक्की के लिए लगातार काम कर रही है, कृषि का बजट भी काफी बढ़ा दिया गया है। डेयर के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र ने भी संबोधित किया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ एके सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय मेले के मुख्य आकर्षण है-फल-फूल सब्जी एवं रबी फसलों की उन्नत प्रजातियों एवं उनकी उत्पादन प्रोदौगिकियों का जीवंत प्रदर्शन, उन्नत कृषि यंत्रों, बीजों एवं पौधों की प्रदर्शनी एवं बिक्री, किसान गोष्ठी, कृषि साहित्य का निःशुल्क वितरण, किसान सलाह, मृदा एवं जल का परीक्षण, किसानों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच सेवा। अतिथियों ने सौर ऊर्जा आधारित पूसा फार्म सन फ्रिज का उद्घाटन और फसल प्रदर्शनी का अवलोकन किया व किसानों से चर्चा भी की। नरेंद्र सिंह तोमर ने संस्थान के प्रकाशनों का विमोचन व अध्येता किसानों का सम्मान किया। सम्मानित किसान हैं-जिंतेंद्र कुमार सिंह (वैशाली बिहार), धीरेंद्र कुमार भानुभाई देसाई (भरूच गुजरात), रवींद्र माणिकराव मेटकर (अमरावती महाराष्ट्र), सुखजीत सिंह भंगू (पंजाब), भंवरलाल कुमावत (राजसमुंद राजस्थान)। मेले के समन्वयक डॉ इंद्रमणि मिश्र ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पद्मश्री किसान कमल सिंह चौहान, सुल्तान सिंह, चंद्रशेखर सिंह और आईसीएआर के सचिव संजय सिंह भी मौजूद थे।