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Tuesday 2 March 2021 01:01:27 PM
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन मुख्यालय में 1 मार्च 2021 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2021 बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रक्षा विज्ञान मंच ने एक विशेष समारोह का आयोजन किया, जिसमें भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर विजय राघवन मुख्य अतिथि थे। प्रोफेसर विजय राघवन ने कहा कि डीआरडीओ के आविष्कारों से विज्ञान गौरवांवित हुआ है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान डीआरडीओ के नवाचारों की गति और गुणवत्ता की सराहना की। समारोह की अध्यक्षता रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीडीआर एंड डी) के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने की।
प्रोफेसर विजय राघवन ने कहा कि हमारा संसार एक डिजाइन संचालित संसार है और हमारे दो प्रमुख लक्ष्य स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विनिर्माण करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और उद्योग जगत के बीच साझेदारी के इस नए युग में हमारे पास स्थानीय रूपसे खरीदने और स्थानीय रूपसे बनाने की क्षमता होनी चाहिए। डीआरडीओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने वैज्ञानिक समुदाय को उत्कृष्टता और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए खोज एवं अविष्कारों के लिए बधाई दी। उन्होंने कला प्रौद्योगिकियों की स्थिति के साथ आने के लिए प्रयोगशालाओं और अकादमिक संस्थानों में विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भविष्य की प्रौद्योगिकियों पर काम करने के लिए डीआरडीओ की प्रत्येक प्रयोगशाला में एक फोकस समूह की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए विज्ञान के मौलिक पक्ष पर काम करना बहुत जरूरी है, इसके लिए विश्वविद्यालयों को मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि राष्ट्र गुणवत्तापूर्ण उत्पाद लेकर सामने आ सके। कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं प्रतिष्ठानों से 47 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से तीन शोध पत्रों को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न समूहों की प्रयोगशालाओं से प्राप्त वैज्ञानिक पत्रों के संकलन डिफेंस सर्विस स्पेक्ट्रम का विमोचन भी किया गया। डीआरडीओ विज्ञान दिवस ओरेशन को तीन डीआरडीओ प्रयोगशालाओं-एडवांस सिस्टम लेबोरेट्री (एएसएल) हैदराबाद, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) बेंगलुरु और रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) ग्वालियर के वैज्ञानिकों ने वितरित किया। सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 1928 में 'रमन प्रभाव' की खोज के उपलक्ष्य में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, जिस खोज के परिणामस्वरूप उन्हें वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ाना, विज्ञान को लोकप्रिय बनाना एवं आम जनता में वैज्ञानिक स्वभाव को पैदा करके अभिनव गतिविधियों को प्रोत्साहित करना तथा एक सकारात्मक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्कृति का निर्माण करना है। डिफेंस साइंस फोरम, डीआरडीओ का एक मंच है, जहां विभिन्न विषयों के वैज्ञानिक फैलोशिप को बढ़ावा देने, विभिन्न विषयों के दिग्गजों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने और उन सभी अंतर अनुशासनात्मक परियोजनाओं की व्यवहार्यता और योजना बनाने के लिए बातचीत करते हैं, जिनमें विशेषज्ञ राय की आवश्यकता होती है। कार्यक्रम में जीवन विज्ञान के महानिदेशक (डीजी) एवं संयोजक डिफेंस साइंस फोरम डॉ एके सिंह, महानिदेशक (टीएम) सुधीर गुप्ता, महानिदेशक (मानव संसाधन) केएस वराप्रसाद एवं महानिदेशक (सैम एंड आरएंडएम) नवनीत राधाकृष्णन उपस्थित थीं।