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Friday 5 March 2021 04:42:46 PM
गुवाहाटी। भारत ने अपनी चावल निर्यात क्षमता को बढ़ाते हुए देश के असम राज्य की ब्रह्मपुत्र घाटी में पैदा होने वाला बेहतरीन 'लाल चावल' अमरीका भेजा है। आयरन से भरपूर 'लाल चावल' की पहली खेप को एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु ने हरियाणा के सोनीपत से अमेरिका के लिए रवाना किया है। 'लाल चावल' असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में किसी भी रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल किए बिना उगाया जाता है। असम में 'लाल चावल' की इस किस्म को 'बाओ-धान' कहा जाता है, जोकि असमिया भोजन का एक स्वादिष्ट और अभिन्न अंग है। लाल चावल का निर्यात प्रमुख चावल निर्यातक एलटी फूड्स करता है। लाल चावल के निर्यात में वृद्धि होने के साथ ही साथ ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी इलाकों के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
एपीईडीए हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से चावल के निर्यात को बढ़ावा देता है। भारत सरकार ने एपीईडीए के अंतर्गत चावल निर्यात संवर्धन मंच की स्थापना की थी। आरईपीएफ चावल उद्योग, निर्यातकों, एपीईडीए, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के निदेशकों का प्रतिनिधित्व करता है। वर्ष 2020-21 में अप्रैल से जनवरी की अवधि के दौरान गैर-बासमती चावल के शिपमेंट में प्रभावशाली बढ़ोत्तरी देखी गई है। अप्रैल-जनवरी 2021 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात 26,058 करोड़ रुपये का रहा, जबकि अप्रैल-जनवरी 2020 के दौरान यह 11,543 करोड़ रुपये का था। गैर-बासमती के निर्यात में रुपए में 125 प्रतिशत और 115 फीसद डॉलर की वृद्धि देखी गई है।
लाल चावल के निर्यात में हुई तेजी से वृद्धि एक ऐसे कालखंड के दौरान देखी गई है, जब वैश्विक स्तरपर आई कोविड-19 महामारी ने कई वस्तुओं की आपूर्ति को बाधित कर दिया था। भारत सरकार ने कोविड संबंधित सभी सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए चावल के निर्यात को सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं। एपीडा के अध्यक्ष एम अंगामुथु ने लाल चावल की पहली खेप अमरीका को रवाना करते हुए कहा है कि हमने कोविड-19 महामारी के समय में भी सैद्धांतिक एवं स्वास्थ्य चुनौतियों के चलते सुरक्षा तथा स्वच्छता सुनिश्चित करने के संदर्भ में अनेक उपाय किए और उस दौरान भी चावल का निर्यात जारी रहा है। उल्लेखनीय है कि असम चावल उत्पाद और वहां की खाद्य श्रृंखला का प्रमुख हिस्सा है। असम के किसानों ने अपने यहां चावलों की बेहतरीन किस्में विकसित की हैं, जिन्हें बढ़ावा देने के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बहुत प्रोत्साहन दिया है, जिससे वहां के किसानों की समृद्धि बढ़ी है।