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Friday 5 March 2021 05:00:48 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारतीय छात्रों के लिए एक ही समय में अलग-अलग डिग्री या दो डिग्रियां एकसाथ हासिल करने की व्यवस्था के लिए भारतीय और विदेशी उच्चशिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग से जुड़े विनियमन के मसौदे को सार्वजनिक किया है और इसपर हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई इस व्यवस्था के प्रभावी क्रियांवयन के लिए शिक्षा मंत्रालय को सक्षम करने के वास्ते शिक्षाविदों, हितधारकों और जनता से इसपर सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा कि सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 15 मार्च है, सुझाव ugcforeigncollaboration@gmail.com पते पर भेजे जा सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षामंत्री ने कहा कि भारत सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को क्रियांवित करने के लिए कई तरह की पहल कर रही है, इसके तहत विदेशों में हासिल ग्रेड के आधार पर छात्र देश में डिग्री हासिल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बजट 2021 की घोषणा के अनुसार भारतीय छात्रों के लिए एकसाथ अलग-अलग डिग्री या दो डिग्रियां तथा संयुक्त शिक्षण कार्यक्रम की सुविधा की अनुमति देने के लिए एक सक्षम विनियामक तंत्र का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने इसके अनुरूप ऐसी डिग्रियों की व्यवस्था के लिए देशी और विदेशी संस्थाओं के बीच अकादमिक सहयोग से संबधित नियमन-2021 की पेशकश की है, ये नियम भारत के उन उच्चशिक्षा संस्थानों पर लागू होंगे, जो स्नातकोत्तर और डाक्टरेट कार्यक्रमों सहित डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए विदेशों के अग्रणी शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग करने के इच्छुक हैं। शिक्षामंत्री ने बताया कि इसी तरह ये नियम उन विदेशी उच्चशिक्षा संस्थानों पर भी लागू होंगे, जो भारतीय उच्चशिक्षा संस्थानों के साथ ऐसा सहयोग करने की इच्छा रखते हैं।
रमेश पोखरियाल ने कहा कि भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच इन विनियमों के तहत अकादमिक सहयोग से क्रेडिट मान्यता और स्थानांतरण, संयुक्त कार्यक्रम, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री प्रदान करने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि ट्विनिंग व्यवस्था के तहत भारत में उच्चशिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्र यूजीसी के नियमों का पालन करते हुए एक ही समय में विदेशी उच्चशिक्षा संस्थानों में भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। शिक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय छात्रों के विदेशों में अर्जित किए गए क्रेडिट को भारतीय उच्चशिक्षा संस्थानों में प्रदान की जाने वाली डिग्री और डिप्लोमा में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के मामले में ऐसा पाठ्यक्रम भारतीय और विदेशी उच्चशिक्षा संस्थाएं संयुक्त रूपसे डिजाइन करेंगी और कार्यक्रम पूरा होने पर छात्रों को दोनों संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूपसे डिग्री और प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिनपर उन दोनों का प्रतीक चिन्ह होगा। शिक्षामंत्री ने बताया कि इन संस्थाओं के तहत दोहरी डिग्री कार्यक्रम भारतीय और विदेशी संस्थाएं अलग-अलग और एकसाथ दोनों संस्थाओं की डिग्री के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करने पर प्रदान करेंगी।
शिक्षामंत्री ने कहा कि दोहरी डिग्री व्यवस्था से विदेशी शिक्षण संस्थाओं के साथ शैक्षणिक सहयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, यह पहल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक पाठ्यक्रमों के साथ छात्रों को नए अवसर प्रदान करेगी, बहुविषयक और अंतर विषयक शिक्षा के लिए वैश्विक संपर्क के अवसर खोलेगी, रोज़गार के अवसर पैदा करेगी और विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने आने के लिए आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों की स्थिति में सुधार होगा, जोकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता मापने का एक अहम पैमाना है। यूजीसी का मसौदा भारतीय और विदेशी उच्चशिक्षा संस्थानों के बीच संयुक्त डिग्री, दोहरी डिग्री और संयुक्त कार्यक्रम के लिए अकादमिक सहयोग विनियमन-2021 देखने केलिए लिंक ugc.ac.in/pdfnews/4258186_Draft-UGC-Academic-Collaboration-with-Foreign-HEIs-Regulations-2021.pdf पर जाएं।