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Saturday 6 March 2021 04:02:41 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ओडिशा तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट प्रौद्योगिकी यानी एसएफडीआर पर आधारित फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। बूस्टर मोटर और नोजल रहित मोटर समेत सभी उप प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। परीक्षण के दौरान ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट प्रौद्योगिकी सहित कई नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण हुआ। ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट तकनीक के सफल प्रदर्शन ने डीआरडीओ को तकनीकी लाभ प्रदान किया है, जिससे वह लंबी दूरी की हवा से हवा में मिसाइलें विकसित कर पाएगा।
एसएफडीआर परीक्षण के दौरान एयर लॉंच परिदृश्य को बूस्टर मोटर का उपयोग करके सिम्युलेट किया गया था। नोजल रहित बूस्टर ने इसको रैमजेट ऑपरेशन के लिए आवश्यक मैक नंबर पर त्वरित किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी आईटीआर के तैनात इलेक्ट्रोऑप्टिकल, रडार और टेलीमेट्री उपकरणों से कैप्चर किए गए आंकड़ों का उपयोग करके की गई थी और मिशन के उद्देश्यों के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई। प्रक्षेपण की निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, अनुसंधान केंद्र इमारत और हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेट्री सहित विभिन्न रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट के सफल उड़ान परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, वैज्ञानिकों भारतीय वायुसेना और उद्योगजगत को भी सहयोग के लिए बधाई दी है। रक्षा आनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी उड़ान परीक्षण की सफलता पर टीम को बधाई दी। वर्तमान में ऐसी तकनीक सिर्फ दुनिया के गिने-चुने देशों के पास ही उपलब्ध है।