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Friday 12 March 2021 01:08:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आईटी यानी मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम-2021 की पृष्ठभूमि में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के साथ बातचीत की। इस अवसर पर इंडिया टुडे, दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, एबीपी, इनाडु, दैनिक जागरण, लोकमत आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में डिजिटल मीडिया के रूपमें मौजूद प्रतिभागियों ने भी अपनी बातें कहीं। यह बात आलोचना का विषय है कि इस वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में शामिल किए गए प्रतिभागी वास्तविक डिजिटल मीडिया का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, जबकि सरकार यह मानती है कि ऐसी कई प्रमुख डिजिटल इकाइयां हैं, जो सिर्फ और सिर्फ डिजिटल मीडिया ही हैं, उनकी इस कॉंफ्रेंसिंग में उपेक्षा की गई है।
डिजिटल मीडिया के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नए नियम डिजिटल समाचारों के प्रकाशकों पर कुछ दायित्व डालते हैं, इनमें भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित पत्रकारिता के आचरण नियम और केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता जैसी आचार संहिताओं का पालन करना शामिल है, इसके अलावा नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए नियमों में तीन स्तरीय शिकायत समाधान तंत्र उपलब्ध कराया गया है, जिसमें पहले और दूसरे स्तर पर डिजिटल समाचार प्रकाशक और उनकी स्व नियामकीय संस्थाएं होंगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रतिभागियों को बताया कि डिजिटल समाचार प्रकाशकों को एक सरल प्रपत्र में मंत्रालय को कुछ मूलभूत जानकारियां भी देनी होंगी, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है और समय-समय पर उन्हें अपने द्वारा कराए गए शिकायत समाधान को सार्वजनिक करने की जरूरत होगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रिंट मीडिया और टीवी चैनलों के डिजिटल संस्करण हैं, जिनका कंटेंट काफी हद तक उनके पारम्परिक प्लेटफॉर्म जैसा ही होता है, हालांकि ऐसा कंटेंट भी होता है जो विशेष रूपसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए होता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसी भी कई इकाइयां हैं, जो सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही हैं, इसके नियम भी डिजिटल मीडिया पर प्रकाशित समाचारों पर लागू होने चाहिएं, जिससे उन्हें पारम्परिक मीडिया के स्तर का बनाया जा सके। इन नए नियमों का स्वागत करते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि टीवी और समाचार प्रिंट मीडिया लंबे समय से केबल टीवी नेटवर्क अधिनियम और प्रेस परिषद अधिनियम के नियमों का पालन करते रहे हैं, इसके अलावा डिजिटल संस्करणों के प्रकाशन के लिए प्रकाशक पारम्परिक प्लेटफॉर्म्स के मौजूदा नियमों का पालन करते हैं। प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके साथ उन समाचार प्रकाशकों से अलग व्यवहार करना चाहिए, जो सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने अपने विचार रखने के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार इन पर विचार करेगी और मीडिया उद्योग के समग्र विकास के लिए इस परामर्श की प्रक्रिया को जारी रखेगी। गौरतलब है कि कुछ लोगों ने मिलकर एक सिंडिकेट की तरह डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन बनाई हुई है, जिसपर उन्हीं लोगों का एकाधिकार है, जो प्रिंट और टीवी मीडिया पर प्रभाव रखते हैं और भारत सरकार भी इन नामधारी मीडिया प्रबंधकों को डिजिटल मीडिया मान रही है, जोकि वास्तविक डिजिटल मीडिया का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। जैसाकि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी माना है कि डिजिटल मीडिया में और भी कई इकाइयां हैं, जो सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को वास्तविक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए, जो दस बारह वर्षों से केवल डिजिटल मीडिया हैं और परंपरागत प्रिंट और टीवी मीडिया फर्जी रैंक और ई-पेपर की रैंक के सहारे बड़े विज्ञापन राजस्व को हड़प रहे हैं। यह भी गौरतलब है कि डिजिटल मीडिया के प्लेटफॉर्म ऐसे भी हैं, जो केवल विज्ञापन के लिए दिखाई पड़ते हैं, जिनपर सख्त नियम लागू होने चाहिएं।