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Tuesday 16 March 2021 01:05:01 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के न्याय विभाग ने देश की आज़ादी पर अमृत महोत्सव का आगाज करते हुए टेली लॉ पर 'वॉयस ऑफ द बेनिफिशरीज़' का दूसरा संस्करण जारी किया है। केंद्रीय विधि और न्यायमंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी प्रस्तावना में कहा है कि न्याय विभाग की ओर से शुरु किया गया टेली लॉ कार्यक्रम पूरी तरह से महात्मा गांधी की उस सोच के अनुरूप है, जिसमें वे चाहते थे कि हर आंख का आंसू पोंछा जाना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टेली लॉ ग़रीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मुकद्मों के शुरुआती चरण में मुफ्त रूपसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का एक सशक्त तंत्र है। उन्होंने बताया कि टेली लॉ कार्यक्रम वर्तमान में 27 राज्यों और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे प्रदेशों के 285 जिलों (115 आकांक्षी जिलों सहित) में 29,860 कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से चलाया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में टेली लॉ मुकद्मों के पूर्व सलाह की सुविधा देने के लिए 90 लाख से ज्यादा लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बना लेगा।
विधि और न्यायमंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि टेली लॉ कार्यक्रम सीएससी में उपलब्ध ई-इंटरफेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से जरूरतमंद और वंचित लोगों को वकीलों के पैनल से जोड़ता है और इससे अबतक 6 लाख 70 हजार से अधिक लाभार्थियों को फायदा हुआ है, इसमें सालाना स्तर पर और विशेषकर कोविड के समय में 331 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि ई-पुस्तक के रूपमें संकलित 'वॉयस ऑफ द बेनिफिशरीज़' दरअसल टेली लॉ कार्यक्रम से उम्मीद रखने वाले तथा इससे लाभ उठा चुके लाभार्थियों की अपेक्षाओं और अनुभवों को संकलित करने का न्याय विभाग का एक प्रयास है, ये एक ऐसी मजबूत अंतर्दृष्टि और मानवीय प्रतिक्रिया तंत्र को दर्शाता है, जो सबको न्याय दिलाने की प्रक्रिया की सोच के साथ कार्यक्रम में निहित है। उन्होंने बताया कि संकलन में अन्याय से लड़ने, संपत्ति विवादों के समाधान, कोविड से परेशान लोगों को राहत, सूचनाओं के साथ लोगों को सशक्त बनाने, प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करने और पारिवारिक विवादों के समाधान जैसे छह क्षेत्रों में कानूनी सलाह उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई है।
गौरतलब है कि टेली लॉ से सौहार्दपूर्ण रूपसे तनावपूर्ण वैवाहिक संबंधों को सुलझाने में सहायता करने, दुष्कर्म के मामलों में मुआवजे का दावा करने, बाल विवाह के खिलाफ कानूनी लड़ाई को आसान बनाने, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, भविष्य निधि के तहत पात्रता प्राप्त करने, गैरकानूनी अतिक्रमण के मामलों के समाधान, संपत्ति विवादों को हल करने और ई-कोर्ट्स ऐप आदि के तहत एफआईआर या ट्रैकिंग के मामले को दर्ज करने के बारे में लाभार्थियों को मदद हासिल करने की सुविधा दी गई है। टेली लॉ कानूनी वालंटियर्स, ग्रामीणस्तर के प्रतिनिधियों और वकीलों के पैनल के माध्यम से व्यापक लोकसंपर्क के जरिए आखिरी व्यक्ति तक कानूनी मदद पहुंचाने का काम कर रहा है। टेली लॉ कार्यक्रम को अगले पांच वर्ष में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों तक विस्तार देने का प्रस्ताव है। टेली लॉ से हर साल 50,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा।