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Tuesday 16 March 2021 01:14:30 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत बहुपक्षीय लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था का पक्षधर है। उपराष्ट्रपति निवास पर अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष दुआर्ते पचेको से मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति ने विकास की लोकतांत्रिक और समावेशी प्रणाली के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारत की यह प्रतिबद्धता उसके द्वारा विश्वभर के अनेक देशों को कोविड-19 के विरुद्ध वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने में परिलक्षित भी हुई है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत ने 154 से अधिक देशों को कोविड-19 से संबंधित दवा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय सहायता प्रदान की है तथा भारत के रैपिड रिस्पॉंस दल भी कई देशों में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की स्थिति में भारत ने सदैव अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया है, अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाना, यही हमारा लक्ष्य रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत 1949 से ही आईपीयू में सक्रिय भूमिका निभाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईपीयू लोकतांत्रिक शासन पद्धति को और समृद्ध करने की दिशा में काम करेगा। वेंकैया नायडू ने कहा कि आईपीयू को द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने से बचना चाहिए।
विश्व शांति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि शांति और लोकतंत्र आधुनिक समाज के दो महत्वपूर्ण आधार हैं। विश्वभर में अतिवादी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि सभी देशों के समावेशी और सतत विकास के लिए शांति एक जरूरी शर्त है। इस अवसर पर राज्यसभा के महासचिव डॉ देशदीपक वर्मा, उपराष्ट्रपति के सचिव डॉ आईवी सुब्बाराव और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।