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Friday 19 March 2021 02:32:10 PM
लखनऊ। एचसीएल फाउंडेशन ने एक नए और अपने तरह के अनूठे अभियान ‘डैडी कूल’ को लखनऊ में लॉन्चकिया है। डैडी कूल अभियान बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और समग्र विकास में पिता के सकारात्मक जुड़ाव को बेहतर करने पर केंद्रित है, इसके लिए पिता की भूमिका पर आधारित रेडियो, वीडियो एवं सोशल मीडिया कंटेंट विकसित किया जा रहा है, जो पिता को विभिन्न तरीकों से अपने अपने बच्चों की ज़िंदगी में जुड़ाव के तरीकों को अपनाने और उनके फायदों के बारेमें जागरुक और प्रेरित करेगा। एचसीएल फाउंडेशन का कहना है कि यह अभियान उस सामाजिक सोच को बदलने का प्रयास है, जोपुरुष औरमहिला अभिभावकों और बच्चों की देखभाल करने वालों कीरूढ़ीवादी भूमिकाओंको तोड़ता है, ताकि पिता बतौर अभिभावक और अधिक सकारात्मकता से अपने बच्चों के जीवन में शामिल हो पाएं। एचसीएल फाउंडेशन भारत में एचसीएल टेक्नोलॉजीज की कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी शाखा और सेसमे वर्कशॉप-इंडिया ट्रस्ट एक गैर लाभकारी मीडिया और शैक्षणिक संगठन है, जोकि बच्चों के मनपसंद टीवी शो सेसमे स्ट्रीट के लिए मशहूर है।
लखनऊ के शहरी इलाकों के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले 25-44 वर्ष की आयु के अभिभावकों को लक्षित कर ‘डैडी कूल’ अभियान रेडियो और सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए पिता-अभिभावकों के छोटे बच्चों के साथ पैतृक जुड़ाव के महत्व पर आधारित है। इस अभियान के माध्यम से रेडियो चैनल्स पर सार्वजनिक घोषणाओं के साथ-साथ विशेषज्ञों के साथ चर्चाएं भी होगी। इसके अलावायूट्यूब, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि के ज़रिये भी लोगों के बीच वीडियो प्रसारित किए जाएंगे।इसअभियानमेंबाल्यकालमें बच्चों की शिक्षा और देखभाल व लिंग आधारित विषयों पर कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ शिक्षा विशेषज्ञों और प्रभावितों की भागीदारी की जाएगी। यह पहल बच्चों के शुरुआती सीखने, शिक्षा और विकास में पिता की भूमिका का पता लगाने के लिए पिछले साल किए गए आधारभूत अध्ययन के निष्कर्षों पर आधारित है।
एचसीएल फाउंडेशन और सेसमे वर्कशॉप-इंडिया ट्रस्ट ने लखनऊ में सामाजिक आर्थिक श्रेणियों में एक समान विभाजन के साथ 3 से 8 वर्ष के आयु वर्ग के 345 बच्चों के बीच अध्ययनकिया था। आधारभूत अध्ययन से जो प्रमुख निष्कर्ष सामने आया, वह यह था कि महामारी के चलते पिताओं को अपने बच्चों के करीब आने का अवसर मिला हैं। अध्ययन में मौजूदा पेरेंटिंग रुझानों और कोविड के चलते उत्पन्न स्थिति के कारण बच्चों के साथ बिताए समय में बदलाव, जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल, मीडिया की खपत, सोशल मीडिया पर बिताए गए समय और इंगेजमेंट के पैटर्न के बारे में भी बताया गया है। इन निष्कर्षों का उपयोगसेसमे वर्कशॉप-इंडिया ट्रस्ट ने उचित एवं लक्षित कंटेंट को विकसित करने और अभिभावकों को जागरुक करने के लिए, डैडी कूल कैम्पेनको और ज्यादा असरदार बनाने बनाने के लिए किया गया है, ताकि अभिभावकों की दिनचर्या में बच्चे के साथ उनका जुड़ाव बच्चों के समग्र विकास में मदद कर सके।
एचसीएल फाउंडेशन की निदेशक निधि पुंडीर का इसअध्ययनऔरअभियानकेविषय में कहना है कि आधारभूत अध्ययन व अनुसंधान के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं और यह दर्शाता हैकि आज सामाजिक आर्थिक श्रेणियों के पिता अपने बच्चे की शुरुआती शिक्षा और विकास में उनकी भागीदारी के महत्व को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहाकि हम बच्चों और परिवारोंके साथ अपनी भूमिका बढ़ाने में संसाधनों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकिबाल विकास के लिए माता-पिता दोनों की क्षमता को विकसित करने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, लेकिन पिता और अभिभाव पर केंद्रित अभीतक कुछ ख़ास प्रयास नहीं देखे गए हैं। सोनाली खान प्रबंध निदेशक सेसमे वर्कशॉप-इंडिया ट्रस्ट का कहना है कि अध्ययन से पता चला हैकि एक पिता अपने बच्चों के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, उसकी भागीदारी बच्चों की समग्र सामाजिक क्षमता, परिपक्वता और दूसरों के साथ संबंधित क्षमता के लिए सकारात्मक रूपसे महत्वपूर्ण है। वह कहती हैंकि ताकत एवं जरूरतें अपने आप में अनोखी होती हैं, इसलिए एचसीएल फाउंडेशन के साथ मिलकर हमने यह पहल की है, ताकि पिता अपनी पैतृक क्षमताओं को समझकर अपने बच्चों को उनके सपनों को हासिल करने में मदद कर सकें।