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Monday 22 March 2021 02:02:27 PM
राउरकेला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को 21वीं सदी में वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना है और एनआईटी राउरकेला जैसे संस्थानों को इस लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राष्ट्रपति ने ओडिशा में एनआईटी राउरकेला के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी भारत में सरकार के संचालित दूसरे सबसे बड़े प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी राउरकेला ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और छह दशक से ज्यादा समय से यह संस्थान देश में तकनीकी पेशेवरों के समूह को समृद्ध कर रहा है। राष्ट्रपति ने इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि एनआईटी राउरकेला में भारत और दूसरे देशों के छात्र भी हैं कहा कि इस 700 एकड़ के कैम्पस में पढ़ रहे 7000 से अधिक छात्र समुदाय समृद्ध विविधता का प्रतिनिधित्व करता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की कम भागीदारी के मुद्दे को उठाते हुए बताया कि देशभर में जिन विश्वविद्यालय और शैक्षिक संस्थानों के दीक्षांत समारोह में वह शामिल हुए हैं, उनमें से ज्यादातर में उन्होंने देखा है कि छात्राएं छात्रों को लिबरल आर्ट्स, मानविकी, चिकित्सा विज्ञान, विधि जैसे क्षेत्रों में पछाड़ रही हैं, फिरभी एक हालिया सर्वे के मुताबिक देशभर के इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों में महिलाओं का नामांकन केवल 20 प्रतिशत है। रामनाथ कोविंद ने जोर दिया कि लड़कियों को तकनीकी शिक्षा और उसमें विशिष्टता ग्रहण करने के लिए उसी तरह प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जैसेकि अन्य क्षेत्रों में वह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्रों में महिलाओं की प्रगति और उत्कृष्टता राष्ट्रीय विकास में समृद्धि का आयाम जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में परिकल्पना की गई है कि इंजीनियरिंग संस्थान मानविकी और कला पर जोर देने के साथ समग्र और बहुविषयक शिक्षा की ओर बढ़ें।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि एनआईटी राउरकेला कुछ हदतक इस दृष्टिकोण को अपना चुका है और भरोसा व्यक्त किया कि यह संस्थान इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषताओं को लागू करने के लिए भी काम करेगा। राष्ट्रपति ने सराहनीय पहलों के लिए एनआईटी राउरकेला की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य भारत को 21वीं सदी में वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना है और एनआईटी राउरकेला जैसे संस्थानों को इस राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्चस्तरों पर लैंगिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करेगी, यह महिलाओं को 21वीं सदी की दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक में मौजूदा बाधाओं से पार पाने में मदद करेगा।
राष्ट्रपति ने 'कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व' की तर्ज पर 'विश्वविद्यालय के सामाजिक दायित्व' की आवश्यकता पर बात करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अपने आसपास के समुदाय को सशक्त करने में योगदान अवश्य देना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एनआईटी राउरकेला ने ‘उन्नत भारत अभियान’ के हिस्से के रूपमें पांच गांवों को गोद लिया है और उन गांवों में कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ विज्ञान प्रयोगशालाओं को भी अपग्रेड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कैम्पस में पवार्टी एलिवेशन रिसर्च सेंटर ओडिशा के कालाहांडी, बालांगिर और कोरापुट क्षेत्र के कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए काम कर रहा है।