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Sunday 21 April 2013 09:33:40 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को 8वें लोकसेवा दिवस का नई दिल्ली में उद्घाटन किया और नवाचार को बढ़ावा देने और अकुशलता हटाने के लिए प्रभावी पद्धति विकसित करने का आग्रह किया, जिससे यह तय होगा कि भविष्य के लिए लोकसेवा कितनी सक्षम हैं। उन्होंने लोक सेवकों से विश्व में श्रेष्ठ प्रक्रिया से सीखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लोकसेवा के अधिकारियों को उनके सेवा काल के प्रारंभ में सर्वोच्च श्रेणी का प्रशिक्षण दिये जाने की जरूरत है, ताकि उन्हें हमारे प्रशासन और आर्थिक पद्धतियों की जटिलताओं को समझने में सक्षम बनाया जा सके।
नागरिकों की वाजिब खर्च पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं, शुद्ध पेय जल स्वच्छता आदि तक पहुंच की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने महसूस किया कि सरकार को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समाज के वर्ग की जरूरतों के प्रति विशेष ध्यान देना होता है। उन्होंने सामान एवं सेवाओं को समयबद्ध ढंग से हासिल करने के नागरिकों के अधिकार शिकायत समाधान विधेयक- 2011 के कानूनी स्वरूप पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह अभी संसद के समक्ष विचारधीन है, जब यह विधेयक पारित हो जायेगा तो नागरिकों को निर्धारित सामान एवं सेवाएं समयबद्ध ढंग से हासिल करने का अधिकार मिल जायेगा। प्रधानमंत्री ने देश में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी स्थिति से संबंधित चुनौतियों से निपटने की तत्काल आवश्यकता की जरूरत जताई। अस्थाई मंदी का सामना कर रही अर्थव्यवस्था को जहां तक संभव हो जल्दी सही करने और आपदा प्रबंधन की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2011-12 के लिए लोक प्रशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए तीन श्रेणियों में सात उल्लेखनीय पहल के लिए 'प्रधानमंत्री पुरस्कार' प्रदान किये। इनमें से तीन व्यैक्तिक श्रेणी के हैं-कर्नाटक के हुगली धारवाड़ नगर में खुले स्थान और शहरी झीलों की हिफाजत और सांस्कृतिक पुनरउत्थान, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शैक्षिक पहल और उत्तर प्रदेश में कूड़ा बीनने वाले को इससे मुक्त कराना और पूर्ण स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ना। सामूहिक श्रेणी में इन क्षेत्रों में पुरस्कार दिये गये-उत्तर प्रदेश में गन्ना सूचना प्रणाली और कर्नाटक में वाणिज्यिक कर प्रशासन में सुधार। संगठन श्रेणी में सिक्किम में चुनौती पूर्ण पर्यावरण में ग्रामीण प्रबंधन और विकास में उल्लेखनीय कार्य और गुजरात में रोजगार एवं प्रशिक्षण निदेशालय की कौशल्य वर्धन केंद्र परियोजना को पुरस्कृत किया गया।
इससे पहले कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन विभाग तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने समारोह को संबोधित किया। कैबिनेट सैक्रेट्री अजीत सेठ ने प्रमुख भाषण दिया। दिनभर के समारोह में तीन विभिन्न विषयों पर चर्चाएं की गईं, जिसमें केंद्र के मंत्रियों और अन्य अधिकारियों ने अपने विचार रखे। इसके अलावा पुलोक चटर्जी ने एक पुस्तक का लोकार्पण किया। लोक सेवा दिवस जनता के प्रति लोक सेवकों के संकल्प को दोहराने के लिए आयोजित किया जाता है। यह आत्ममंथन और बदलते समय से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की भावी नीति बनाने में भी मददगार साबित होता है।
इस अवसर पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश प्रधानमंत्री के सलाहकार टीकेए नायर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन भी मौजूद थे। समारोह में कई पूर्व कैबिनेट सेक्रेट्री, भारत सरकार में सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। विगत वर्षों में लोक प्रशासन में उल्लेखनीय योगदान के लिए कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सम्मेलन में विभिन्न राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमियों के प्रशिक्षु अधिकारी भी मौजूद थे।