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Saturday 3 April 2021 12:16:58 PM
भुवनेश्वर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रेरणा दी है कि माता-पिता, मातृभाषा, मातृभूमि और पैतृक स्थान को हमेशा सम्मान देना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अपनी मूल जड़ों को सदा याद रखें। वेंकैया नायडू भुवनेश्वर में राजभवन में लोकसभा सदस्य डॉ अच्युत सामंत की माता नीलिमा रानी पर 'नीलिमा रानी-माई मदर-माई हीरो' पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर शिक्षा, न्यायपालिका तथा प्रशासन में मातृभाषा का व्यापक उपयोग करने की भी अपील की और कहा कि सफल पुरुष और महिलाएं अपने पैतृक गांवों में लोगों की सहायता करें। लोकसभा सदस्य डॉ अच्युत सामंत की 'नीलिमा रानी-माई मदर-माई हीरो' पुस्तक उनकी माता नीलिमा रानी की जीवनी है।
वेंकैया नायडू ने माँ के जीवन तथा संघर्ष को शब्दों में उतारने के लिए डॉ अच्युत सामंत की सराहना की और कहा कि किसी माँ की जीवनी का विमोचन करना दिल को छू लेने वाला कार्य है, क्योंकि यह माँ ही है, जो बच्चों के पालन-पोषण तथा मूल्यों के जरिए किसी पुरुष या महिला को महान बनाती है। उपराष्ट्रपति ने नीलिमा रानी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भीषण ग़रीबी और संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा सुनिश्चित की तथा गरीबों एवं वंचित लोगों के उत्थान के भी कार्य जारी रखे। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रसन्नता जताई कि बच्चों की सहायता से नीलिमा रानी ने अपने पैतृक गांव कलाराबांका को देश में अपनी तरह के प्रथम स्मार्ट गांवों में तब्दील कर दिया। उपराष्ट्रपति ने इच्छा जताई कि दूसरे लोग भी नीलिमा रानी का अनुसरण करें और पैतृक स्थानों में रहने वाले लोगों की बेहतरी के लिए कार्य करें। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।