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Monday 5 April 2021 12:33:36 PM
नई दिल्ली। भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और स्टार्टअप्स की आशाएं, आकांक्षाएं और उम्मीदें भी बढ़ रही हैं, विशेष रूपसे महिलाओं और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के संभावित उद्यमियों का एक बड़ा समूह है, जो अपना खुद का उद्यम स्थापित करना चाहते हैं और जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, ऐसे उद्यमी देशभर में मौजूद हैं। उनके पास उद्यम को लेकर कई तरह के विचार हैं, जिनके आधार पर वे अपनी और अपने परिवार की ज़िन्दगी को बेहतर बनाना चाहते हैं। एससी, एसटी और महिला उद्यमी आकांक्षी, ऊर्जावान और उत्साही हैं, लेकिन उन्हें अपने सपने को वास्तविकता में बदलने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिन्हें ध्यान में रखते हुए 5 अप्रैल 2016 को स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की गई थी, इसमें ऋण सुविधा आसानी से मुहैया हो जाती है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तरपर उद्यमिता को बढ़ावा देना है, योजना का विस्तार वर्ष 2025 तक किया गया है। योजना की पांचवीं वर्षगांठ पर इसकी विशेषताओं और उपलब्धि का उल्लेख किया गया है, जिसमें स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, ताकि व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों की मदद की जा सके। तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों को व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने के लिए ऋण प्रदान करना, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक बैंक शाखा से कम से कम एक महिला तथा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक उधार लेने वाले को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का बैंक-ऋण देना है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने, ऋण प्राप्त करने और व्यापार में सफल होने के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करने की मान्यता पर आधारित है। स्टैंड-अप इंडिया योजना एक ऐसा इको-सिस्टम बनाने का प्रयास करती है, जो व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करे, यह योजना बैंक शाखाओं से ऋण लेने वालों को अपने उद्यम स्थापित करने में सहायता के लिए ऋण सुविधा देती है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को कवर करने वाली इस योजना का लाभ तीन संभावित तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है जैसे-सीधे शाखा से या स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल www.standupmitra.in से या लीड जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से।
ऋण के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु के एससी/ एसटी और/ या महिला उद्यमी पात्र हैं। स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं, इस संदर्भ में ग्रीन फील्ड का अर्थ है-विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहला उद्यम। गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी और नियंत्रण हिस्सेदारी एससी/ एसटी और/ या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए। ऋण प्राप्तकर्ता, किसी बैंक/ वित्तीय संस्थान से दोषी करार नहीं दिया गया हो। स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत से 23 मार्च 2021 तक 1,14,322 से अधिक खातों के लिए 25,586 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।