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Tuesday 6 April 2021 02:49:41 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया है। इस संबंध में विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने आज एक अधिसूचना जारी करके यह जानकारी दी। न्यायमूर्ति एनवी रमण को नियुक्ति पत्र और नियुक्ति अधिसूचना की प्रति सौंप दी गई है। न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण 24 अप्रैल 2021 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे और भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण पहली पीढ़ी के वकील हैं और किसान परिवार से आते हैं। वे आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव के निवासी हैं। वे किताबें पढ़ने के शौकीन हैं और साहित्य में उनकी गहरी रूचि है। उन्हें कर्नाटक संगीत भी बहुत पसंद है। उन्हें 10 फरवरी 1983 को बार में पंजीकृत किया गया था। उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय, केंद्रीय और आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण एवं भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की है। उन्हें संवैधानिक, सिविल, श्रम, सेवा और चुनाव मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने अंतर राज्य नदी न्यायाधिकरण के समक्ष भी अपना पक्ष प्रस्तुत किया है। वकालत के दौरान वे विभिन्न सरकारी संगठनों के पैनल अधिवक्ता भी रहे। न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण हैदराबाद के केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में रेलवे के अधिवक्ता रहे हैं, इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूपमें सेवाएं दी हैं।
न्यायमूर्ति एनवी रमण 17 फरवरी 2014 से भारत के सर्वोच्च न्यायालय में उप न्यायाधीश के रूपमें कार्य कर रहे हैं। उन्होंने 7 मार्च 2019 से 26 नवंबर 2019 तक सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष के रूपमें कार्य किया है। उन्होंने 27 नवंबर 2019 से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूपमें भी कार्य किया है। प्रारंभ में उन्हें 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूपमें नियुक्त किया गया था। उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूपमें भी कार्य किया है।