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Thursday 8 April 2021 03:33:37 PM
ढाका/ नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश के बीच मजबूत द्विपक्षीय और रक्षा संबंधों की बहुमूल्य परंपरा को जारी रखते हुए भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज से 12 अप्रैल तक बांग्लादेश की यात्रा पर पहुंच चुके हैं। जनरल एमएम नरवणे ने सर्वप्रथम शिखा अनिर्बान में माल्यार्पण करके 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान अपनी जान की बाजी लगाने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सेनाकुंज बांग्लादेश में गार्ड ऑफ ऑनर भी प्राप्त किया। थलसेना प्रमुख की यह यात्रा स्वर्णिम विजय उत्सव के उपलक्ष्य में है, जो बांग्लादेश की मुक्ति के 50 साल पूरे होने का प्रतीक है।
ज्ञातव्य है कि बांग्लादेश की मुक्ति आंदोलन को बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक नेतृत्व और मुक्ति बाहिनी के नायकों ने संभव बनाया था, जिन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी। थलसेना प्रमुख बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के तीन सेवा प्रमुखों के साथ एक-एक कर बैठकें करेंगे। वे धनमंडी में राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान मेमोरियल संग्रहालय भी जाएंगे, जहां वह बांग्लादेश के संस्थापक को श्रद्धांजलि देंगे। जनरल एमएम नरवणे 11 अप्रैल को ढाका में बांग्लादेश सेना के बहुउद्देशीय परिसर में बांग्लादेश के विदेश मंत्री के साथ बातचीत करेंगे, वह संयुक्तराष्ट्र के शांति सहयोग कार्यों पर संगोष्ठी में भाग लेंगे और 'चेंज नेचर ऑफ ग्लोबल कन्फ्लिक्ट: संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका' पर भाषण भी देंगे।
थलसेना प्रमुख 12 अप्रैल को माली, दक्षिण सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में संयुक्तराष्ट्र मिशनों में शामिल कमांडरों और रॉयल भूटानी सेना के उप मुख्य संचालन अधिकारी से मिलेंगे। वह संयुक्तराष्ट्र, भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के सशस्त्र बलों से संयुक्तराज्य अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की और सऊदी अरब के पर्यवेक्षकों सहित संयुक्तराष्ट्र के एक अनिवार्य बहुपक्षीय अभ्यास शांतीर ओगरोसेना के समापन समारोह में शामिल होंगे, हार्डवेयर प्रदर्शन के दौरान प्रमुख बांग्लादेशी सशस्त्र बल के जवानों के इनवेशन को भी देखेंगे। थल सेनाध्यक्ष यात्रा के अंतिम चरण में बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ पीस सपोर्ट एंड ट्रेनिंग ऑपरेशंस के सदस्यों से मिलेंगे। जनरल एमएम नरवणे की यह यात्रा दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगी एवं रणनीतिक मुद्दों की मेजबानी पर दोनों देशों के बीच निकट समन्वय और सहयोग के उत्प्रेरक के रूपमें कार्य करेगी।