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Thursday 8 April 2021 05:47:49 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिखों के 9वें गुरु श्रीगुरु तेग़बहादुर का 400वां प्रकाशोत्सव मनाने के लिए वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से उच्चस्तरीय समिति की बैठक की, जिसमें भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने श्रीगुरु तेग़बहादुर का प्रकाशोत्सव आयोजित करने के प्रधानमंत्री के शानदार विज़न के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने श्रीगुरु तेग़बहादुर के धार्मिक आज़ादी के लिए दिए गए विभिन्न योगदानों और बलिदान को याद किया। प्रतिनिधियों ने प्रकाशोत्सव के लिए कुछ जानकारियां और सुझाव दिए और कहा कि श्रीगुरु तेग़बहादुर के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करना जरूरी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी बैठक में शामिल थे। उन्होंने कहा कि ऐसे सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिएं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि श्रीगुरु तेग़बहादुर का संदेश सभी तक पहुंचे। संस्कृति सचिव ने प्रकाशोत्सव के लिए अबतक दिए गए सुझावों पर एक प्रस्तुति दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीगुरु तेग़बहादुर का 400वां प्रकाशोत्सव हमारा सौभाग्य और राष्ट्रीय कर्तव्य है। उन्होंने श्रीगुरु तेग़बहादुर के जीवन की शिक्षाओं को साझा करते हुए कहा कि हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन शिक्षाओं को युवा पीढ़ी समझे और दुनियाभर में डिजिटल माध्यमों से उनके संदेशों का प्रसार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिख गुरु परम्परा संपूर्ण जीवन का दर्शन है, यह सरकार का सौभाग्य और किस्मत है कि उसे सिख धर्म के संस्थापक श्रीगुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश पर्व, श्रीगुरु तेग़बहादुर का 400वां प्रकाशोत्सव और सिखों के 10वें गुरु श्रीगुरु गोविंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का अवसर मिला है। बैठक में विचार-विमर्श की विस्तृत चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु तेग़बहादुर का प्रकाशोत्सव मनाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए वर्षभर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कार्यक्रमों का आयोजन इस प्रकार होना चाहिए, जिसमें न केवल श्रीगुरु तेग़बहादुर के जीवन और शिक्षाओं को शामिल किया जाए, बल्कि दुनियाभर में फैली समूची गुरु परम्परा को भी शामिल किया जाए। दुनियाभर में सिख समुदाय और गुरुद्वारों की समाज सेवा की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सिख परम्परा के इस पहलू के बारे में उपयुक्त अनुसंधान और प्रलेखन किया जाना चाहिए। बैठक में प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, सांसद सुखबीर सिंह बादल, सुखदेव सिंह ढींढसा, पूर्व सांसद तरलोचन सिंह, अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी और जाने-माने विद्वान अमरजीत सिंह ग्रेवाल भी शामिल हुए।