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Wednesday 14 April 2021 12:36:09 PM
नई दिल्ली। सुशील चंद्रा ने भारत के 24वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूपमें अपना कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया है, जो 12 अप्रैल 2021 को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पदमुक्त हो गए थे। सुशील चंद्रा 15 फरवरी 2019 से निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के रूपमें कार्यरत रहे। वे 18 फरवरी 2018 से परिसीमन आयोग के भी सदस्य हैं और जम्मू-कश्मीर के परिसीमन का काम देख रहे हैं। आयकर विभाग में लगभग 39 वर्ष तक विभिन्न पदों पर काम करने के बाद सुशील चंद्रा 1 नवम्बर 2016 से 14 फरवरी 2019 तक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष भी रहे हैं। सीबीडीटी में अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव के समय अवैध धन का पता लगाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनकी लगातार निगरानी के चलते ही हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान नकदी, शराब, मतदाताओं को लुभाने के लिए दिए जाने वाले सामान और नशीली दवाओं को भारी मात्रा में जब्त किया गया था।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने लगातार प्रलोभन मुक्त चुनाव की अवधारणा पर बल दिया है, जो इस समय हो रहे एवं आगामी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी का महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है। विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती के माध्यम से निगरानी की केंद्रित एवं व्यापक प्रक्रिया, चुनावी खर्च निगरानी की प्रक्रिया में विभिन्न प्रत्यावर्तन एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने, पर्यवेक्षकों एवं संबंधित एजेंसियों की व्यापक एवं नियमित समीक्षाएं ऐसे ही कुछ चुनाव प्रबंधन के तरीके हैं, जिनको सुशील चंद्रा ने आगे बढ़ाया है। व्यवस्था में परिवर्तन के लिए फॉर्म 26 का चलन शुरू करना भी उनकी इस कवायद में योगदान का परिचायक है, जो अब चुनाव में कागजी कार्यवाही का अभिन्न अंग बन गया है। सीबीडीटी के अध्यक्ष के रूपमें उन्होंने चुनाव से पहले उम्मीदवारों के शपथपत्रों (हलफनामों) के सत्यापन के लिए विशेष प्रयास किए थे। वर्ष 2018 में सीबीडीटी अध्यक्ष रहते हुए सुशील चंद्रा ने उम्मीदवारों की उन सभी परिसंपत्तियों और देनदारियों की जानकारी देने के लिए एक समान प्रारूप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिनका विवरण उम्मीदवारों के हलफनामे में नहीं दिया जाता।
सत्रहवीं लोकसभा 2019 में चुनाव और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली विधानसभा निर्वाचन प्रक्रिया में आईटी एप्लिकेशंस का प्रयोग सुशील चंद्रा के अनूठे योगदान हैं। कोविड चुनौती के बीच बिहार, असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव करवाना और नामांकन प्रक्रिया में ऑनलाइन प्रपत्रों का जमा किया जाना, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, आवश्यक सेवाओं के कर्मियों और कोविड संक्रमित की कुछ विशिष्ट श्रेणियों के लिए डाक मतपत्रों का विकल्प कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जहां सुशील चंद्रा ने चुनौतियों के बावजूद दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़-चढ़कर काम किया है। निर्वाचन आयोग परिवार ने सेवानिवृत्त हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को समारोहपूर्वक भावभीनी विदाई दी। सितम्बर 2017 में निर्वाचन आयोग में आने के बाद सुनील अरोड़ा ने अपने 43 माह और सीईसी के रूपमें लगभग 29 माह के कार्यकाल में 2019 में 17वीं लोकसभा और 25 विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाया।
सुनील अरोड़ा को विदाई देते हुए निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आयोग में उनके कार्यकाल के विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सुनील अरोड़ा निर्वाचन आयोग परिवार के लिए सम्बल का स्रोत बने रहेंगे। सुनील अरोड़ा ने अपने सम्बोधन में आयोग के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और भविष्य में होने वाले सभी चुनाव के सफल संचालन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हर चुनाव अपने आपमें एक अलग ही तरह की चुनौती होता है, लेकिन 17वीं लोकसभा के चुनाव करवाना और कोविड महामारी के दौरान बिहार विधानसभा के चुनाव करवाना सबसे कठिन था। उन्होंने इन चुनाव के सफल आयोजन में जुटे आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मियों को उनके कठोर परिश्रम और उत्कृष्ट योजना बनाने के लिए बधाई भी दी।