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Friday 16 April 2021 05:36:47 PM
नई दिल्ली। देश और विश्व में बढ़ते कोरोना महामारी के मामलों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में पर्याप्त मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक समीक्षा की है। प्रधानमंत्री के साथ स्वास्थ्य, डीपीआईआईटी, इस्पात, सड़क परिवहन आदि जैसे मंत्रालयों से प्राप्त जानकारियां भी साझा की गईं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच तालमेल सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने उन 12 राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में ऑक्सीजन की आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और अनुमानित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की, जहां आने वाले 15 दिन में इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री को इन राज्यों में जिलास्तर की स्थिति की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन आयात करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया गया कि केंद्र और राज्य नियमित संपर्क में हैं और अनुमानित मांग 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को राज्यों के साथ साझा की गई है। तदनुसार 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को अपनी अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को क्रमश: 4,880 मीट्रिक टन, 5,619 मीट्रिक टन और 6,593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है। प्रधानमंत्री को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश की उत्पादन क्षमता के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक संयंत्र की क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। यह चर्चा की गई कि स्टील संयंत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के अधिशेष स्टॉक की चिकित्सा उपयोग के लिए पेशकश की जा रही है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से देशभर में ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
सरकार ने ऑक्सीजन टैंकरों की हर प्रकार की अंतरराज्यीय आवाजाही को परमिट के पंजीकरण से छूट दी है, ताकि वे आसानी से आ-जा सकें। प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि राज्यों और ट्रांसपोर्टरों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि शिफ्टों में काम करने वाले ड्राइवरों के साथ टैंकर चौबीस घंटे चलें, ताकि वे तेजी से पहुंच सकें और मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता सुनिश्चित की जा सके। सिलेंडर भरने वाले संयंत्रों को भी आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ 24 घंटे काम करने को कहा गया है। सरकार औद्योगिक सिलेंडरों को उचित शुद्धिकरण के बाद चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की अनुमति दे रही है, इसी तरह टैंकरों की संभावित कमी को दूर करने के लिए नाइट्रोजन और आर्गन टैंकरों को स्वचालित रूपसे ऑक्सीजन टैंकरों में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाएगी।