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भारत टीकाकरण में दुनिया में सबसे आगे

28.98 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई

उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की समीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 21 April 2021 03:42:44 PM

india vaccination at the forefront of the world

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत ने सिर्फ़ 95 दिन में 13 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर साबित कर दिखाया है कि टीकाकरण में भारत दुनिया में सबसे तेज और सबसे आगे है। देश में कोविड-19 वैक्सीन खुराक के समग्र आंकड़े की अनंतिम रिपोर्ट 13,00,27,370 है यानी 28.98 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। टीकाकरण केंद्रों में 26,051 से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। औसतन 45,000 कोविड टीकाकरण केंद्र संचालित हैं, जिनपर टीकाकरण के चलते बड़ी संख्या में लोग टीका लगवा रहे हैं। इनमें 92,01,040 स्वास्थ्यकर्मी भी हैं, जिन्होंने पहली खुराक ली है, जबकि 58,16,538 स्वास्थ्यकर्मियों ने दूसरी खुराक ली है।
रिपोर्ट के अनुसार 1,15,59,218 फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि 58,52,669 फ्रंटलाइन वर्कर्स टीके की दूसरी खुराक ले चुके हैं, 45 से लेकर 60 वर्ष की आयुवर्ग के 4,34,85,752 लोगों को पहली खुराक लग चुकी है, जबकि इसी आयु वर्ग के 14,90,460 लोगों को दूसरी खुराक दी गई है। साठ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के 4,73,31,326 लोगों को पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि इसी आयुवर्ग के 52,90,367 लोगों को टीके की दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है। राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और केंद्रीय सचिव ने कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में कोविड अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की।
फार्मास्यूटिकल्स सचिव ने देश में रेमेडिसविर की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया कि यह दवा उन रोगियों को दी जानी है, जो मध्यम या गंभीर कोविड-19 बीमारी से संक्रमित हैं और ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। हाल के दिनों में कोविड-19 संक्रमण तेजी से बढ़ने के बाद इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे इसकी कमी की रिपोर्ट भी सामने आई है। इसी को ध्यान में रखते हुए डीओपी एनपीपीए ने सीडीएससीओ के साथ एक योजना बनाई है, जिसके तहत राज्यों को रेमेडिसविर इंजेक्शन का आवंटन किया जाएगा। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सिफारिश पर तत्काल आवश्यकता को देखते हुए राजस्व विभाग ने रेमडेसिविर और इसके एपीआई/ केएसएम पर सीमा शुल्क घटा दिया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की घरेलू उपलब्धता को और अधिक बढ़ाया जा सकेगा।
क्लिनिकल गाइडेंस में यह बताया गया है कि रेमेडिसविर का उपयोग उस रोगी पर किया जाना है, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, इसलिए आवंटन एम्पावर्ड ग्रुप-2 द्वारा विभिन्न राज्यों को किए गए ऑक्सीजन आवंटन पर आधारित है। आज से 10 दिन की अवधि के लिए आवंटन इसी शिड्यूल के अनुसार किया जाएगा और कुछ दिन बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। जिन राज्यों को ऑक्सीजन का आवंटन नहीं किया गया है, उनको शीघ्र ही रेमेडिसविर का आवंटन किया जाएगा। सभी राज्यों से अनुरोध किया गया था कि कोविड-19 के लिए क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार रेमेडिसविर का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करें, साथ ही कोविड के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की किसी भी संभावित कालाबाजारी या जमाखोरी को रोकने के लिए अभियान चलाएं। अंतरराज्यीय आपूर्ति सहित दवाओं के सुचारू और निर्बाध आवागमन की सुविधा मुहैया कराएं।

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