स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 22 April 2021 05:59:27 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति की समीक्षा करने और इसकी उपलब्धता को बढ़ाने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें उन्हें अधिकारियों ने पिछले कुछ हफ्तों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के प्रयासों पर जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कई पहलुओं पर तेजी से काम करने की आवश्यकता के बारे में बात की जैसे-ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना, वितरण की गति बढ़ाना और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ऑक्सीजन का समर्थन प्रदान करने के लिए अभिनव तरीकों का उपयोग करना। प्रधानमंत्री को बताया गया कि ऑक्सीजन की मांग की पहचान करने और उसके अनुसार पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय में एक विस्तृत अभ्यास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी गई कि राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार बढ़ाई जा रही है, राज्यों से वर्तमान मांग के अनुसार सरकार ने 21 अप्रैल से इन राज्यों को 6,822 मीट्रिक टन आवंटित किया है। पिछले कुछ दिन में निजी और सार्वजनिक इस्पात संयंत्रों, उद्योगों, ऑक्सीजन निर्माताओं के योगदान के माध्यम से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता में लगभग 3,300 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे स्वीकृत पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन के लिए राज्यों के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया कि विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध तरीके से हो। उन्होंने अवरोध के मामलों में स्थानीय प्रशासन के साथ जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने मंत्रालयों को ऑक्सीजन के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए विभिन्न नवीन तरीकों का पता लगाने के लिए भी कहा।
प्रधानमंत्री ने राज्यों को ऑक्सीजन का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में बताया गया कि टैंकरों के तेजी से और बिना रुके लंबी दूरी के परिवहन के लिए रेलवे का उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह ऑक्सीजन आपूर्ति में एक तरफ़ा यात्रा के समय को कम करने के लिए खाली ऑक्सीजन टैंकरों को भी उठाया जा रहा है। चिकित्सा समुदाय के प्रतिनिधियों ने ऑक्सीजन के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता के बारे में बताया। बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट, फार्मास्युटिकल्स और नीति आयोग के अधिकारियों ने भाग लिया।