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Tuesday 4 May 2021 01:54:58 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त मानव संसाधनों की बढ़ती आवश्यकता की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिससे कोविड ड्यूटी में चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता काफी हद तक बढ़ जाएगी। निर्णयों में जैसे नीट-पीजी परीक्षा को कम से कम 4 माह टालने का निर्णय लिया गया, यह परीक्षा 31 अगस्त 2021 से पहले आयोजित नहीं की जाएगी, इसके अलावा परीक्षा की घोषणा के बाद इसके आयोजन से पहले छात्रों को कम से कम एक माह का समय दिया जाएगा, इससे बड़ी संख्या में योग्य डॉक्टर कोविड ड्यूटी करने के लिए उपलब्ध हो पाएंगे। इंटर्नशिप रोटेशन के हिस्से के रूपमें मेडिकल इंटर्न को अपने संकाय की देख-रेख में कोविड प्रबंधन ड्यूटी में लगाने की अनुमति दी गई है। डॉक्टर, नर्स एवं संबद्ध प्रोफेशनल कोविड प्रबंधन की रीढ़ हैं और अग्रिम पंक्ति के कर्मी भी हैं। पर्याप्त संख्या में उनकी उपस्थिति मरीजों की आवश्यकताओं को अच्छी तरह से पूरा करने के लिए आवश्यक है।
एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाओं का उपयोग संकाय में उनका उचित उन्मुखीकरण करके और उनकी देख-रेख में कोविड के हल्के लक्षणों वाले मरीजों के टेली-परामर्श और निगरानी जैसी सेवाएं प्रदान करने में किया जा सकता है। इससे कोविड ड्यूटी में लगे मौजूदा डॉक्टरों पर काम का बोझ कम हो पाएगा, इसके साथ ही प्राथमिकता देने के प्रयासों को भी बढ़ावा मिलेगा। रेजिडेंट के रूपमें अंतिम वर्ष के पीजी छात्रों की सेवाओं का उपयोग आगे भी तबतक किया जाएगा, जबतक कि पीजी छात्रों के नए बैच शामिल नहीं हो जाएंगे। बीएससी/ जीएनएम योग्य नर्सों का उपयोग वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों की देख-रेख में पूर्णकालिक कोविड नर्सिंग ड्यूटी में किया जाएगा। कोविड प्रबंधन में सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मियों को कोविड ड्यूटी के न्यूनतम 100 दिन पूरे कर लेने पर आगामी नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। कोविड संबंधी कार्यों में लगाए जाने वाले मेडिकल छात्रों या प्रोफेशनलों को टीका लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य प्रोफेशनलों को कोविड-19 से लड़ने में संलग्न स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सरकार की बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा। ऐसे सभी प्रोफेशनल, जो कोविड ड्यूटी के न्यूनतम 100 दिन के लिए हामी भरते हैं और इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री का प्रतिष्ठित कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जाएगा। इस दौरान चिकित्सा समुदाय के उल्लेखनीय योगदान और गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है। ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने कोविड ड्यूटी के लिए डॉक्टरों और नर्सों की सहभागिता को सुविधाजनक बनाने के लिए 16 जून 2020 को दिशा-निर्देश जारी किए थे। केंद्र सरकार ने कोविड प्रबंधन हेतु सुविधाओं और मानव संसाधनों को बढ़ाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की विशेष सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल सहायता प्रदान की थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से कर्मियों को शामिल करते हुए इस प्रक्रिया के जरिए अतिरिक्त 2206 विशेषज्ञों, 4685 चिकित्सा अधिकारियों और 25,593 स्टाफ नर्सों की भर्ती की गई है।
संबद्ध स्वास्थ्य प्रोफेशनलों की सेवाओं का उपयोग उनके प्रशिक्षण और प्रमाणन के आधार पर कोविड प्रबंधन में सहायता देने में किया जा सकता है। इस प्रकार से इंतजाम किए जाने अतिरिक्त मानव संसाधन का उपयोग केवल कोविड प्रबंधन केंद्रों में ही किया जाएगा। राज्य सरकारें इस प्रक्रिया के जरिए जोड़े जाने वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रोफेशनलों को निजी कोविड अस्पतालों के साथ-साथ काफी ज्यादा कोविड संक्रमण वाले क्षेत्रों में भी उपलब्ध करा सकती हैं। स्वास्थ्य और चिकित्सा विभागों में डॉक्टरों, नर्सों, संबद्ध प्रोफेशनलों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के रिक्त पदों को 45 दिन के भीतर त्वरित प्रक्रियाओं के माध्यम से एनएचएम मानदंडों के आधार पर अनुबंध पर नियुक्तियों के जरिए भरा जाएगा। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे श्रमबल या कार्यबल की उपलब्धता को अधिक-से-अधिक करने के लिए उपर्युक्त प्रोत्साहनों पर विचार करें।