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Tuesday 23 April 2013 08:30:38 AM
नई दिल्ली। डॉ देवी सिंह शेखावत के जन्म दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के निवास तुगलक लेन पर डॉ कन्हैया त्रिपाठी के संपादन में प्रकाशित कुल सोलह पुस्तकों ‘भारत जगाओ!’ (हिंदी, छः खंड), ‘राईज इंडिया!’ (अंग्रेजी, छः खंड), ‘भारत जागवा!’ (मराठी), ‘जब मैं राज्यपाल थी’ (दो खंड) और ‘स्त्री उत्कर्ष की ओर’ का विमोचन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पुस्तकों के संपादक डॉ कन्हैया त्रिपाठी के स्वागत भाषण से हुआ। इसके बाद डॉ कन्हैया त्रिपाठी ने इन पुस्तकों केबारे में संक्षिप्त में प्रकाश डाला। डॉ कन्हैया त्रिपाठी ने कहा कि ये पुस्तकें भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के ग्लोरियश राष्ट्रपति कार्यकाल की दस्तावेज़ हैं, पुस्तकों में पाटिल के पांच वर्षों में दिए गए देश-विदेश के व्याख्यानों, संभाषणों एवं साक्षात्कारों को गंभीरता से वर्गीकृत करके हिंदी, अंग्रेजी एवं मराठी में प्रकाशित किया गया है। पुस्तकों में प्रतिभा पाटिल के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं उनकी दार्शनिक दृष्टि का पता चलता है।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पुस्तक विमोचन के पश्चात कहा कि प्रतिभा पाटिल पर यह ऐतिहासिक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उनके सान्निध्य में सर्व प्रथम राज्य मंत्री से अपना करियर प्रारंभ किया और उनके राष्ट्रपति बनने के बाद उनके भारत और विश्व भर में किए गए कार्यों पर लिखी पुस्तकों का विमोचन करने का अवसर मिला है। शिक्षाविद् डॉ देवी सिंह शेखावत, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ममता शर्मा, राजेंद्र सिंह शेखावत उर्फ राव साहेब, विधायक, अमरावती (महाराष्ट्र) व अन्य लब्ध साहित्यकार विद्वानों की उपस्थिति में शिंदे ने संपादक डॉ कन्हैया त्रिपाठी को बधाई देते हुए कहा कि वास्तव में डॉ कन्हैया त्रिपाठी ने किसी राष्ट्रपति के यश को सदियों तक अमर कर देने वाला कार्य किया है। उन्होंने डॉ देवी सिंह शेखावत के जन्मदिन पर उनकी लंबी उम्र की कामना की।
डॉ देवी सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ कन्हैया त्रिपाठी ने जिस कड़ी मेहनत से इन पुस्तकों का संपादन एवं प्रकाशन किया है, उसका परिणाम यह सोलह पुस्तकें हैं। डॉ शेखावत ने कहा कि प्रायः जब राष्ट्रपति अपने पद से हटता है, तो उससे जुड़ी सामग्रियां वेबसाइट आदि से हटा दी जाती हैं और फिर आने वाली पीढ़ी उस राष्ट्रपति की जानकारी से वंचित रह जाती हैं, लेकिन प्रिंट मीडिया के जरिए जो ये पुस्तकें प्रकाशित हुई है, वे स्थाई हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि स्त्रियों पर जो विशेषरूप से प्रतिभा पाटिल के संभाषणों पर पुस्तक आई है, उससे लोग अवश्य लाभांवित होंगे। प्रतिभा पाटिल ने कहा कि सोलह किताबों और लगभग 2000 से अधिक संभाषणों को पुस्तक का आकार देना आसान नहीं है। इस कार्य को डॉ त्रिपाठी ने पूरी लगन, ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ किया, वह बधाई के पात्र हैं। राष्ट्रपति भवन से संबद्ध सतवीर सिंह, दिनमार्क प्रकाशन के दिनकर शिलेदार, प्रवीण प्रकाशन व मानसी प्रकाशन के श्रीकृष्ण गुप्ता व प्रवीण गुप्ता और समकालीन प्रकाशन के ओम प्रकाश मिश्रा उपस्थित थे। डॉ शेखावत के गृह नगर के शुभेच्छु गणमान्य, जलगांव व राजस्थान के गणमान्य लोग, प्रतिभा पाटिल की सुपुत्री ज्योति राठौर, ओमसिंह शेखावत, रघुबीर सिंह, राजेंद्र सिंह शेखावत उर्फ राव साहेब, विधायक, अमरावती, आकाशवाणी महानिदेशालय की समाचार महानिदेशकअर्चना दत्ता, अधिवक्ता गणेशियाजी, पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह, मानवाधिकार आयोग के सहायक निदेशक सरोज कुमार शुक्ला, डॉ एससी सिंह व राष्ट्रपति भवन से संबद्ध कर्मचारी एवं अधिकारी, प्रतिभा पाटिल के पूर्व निजी सचिवरवींद्र जाधव, वर्तमान निजी सचिव जीके दास, राष्ट्रपति की निजी चिकित्सक डॉ पार्वती सिंह वैश्य व अन्य आमंत्रित गणमान्य उपस्थित थे।