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कोविड से अनुकरणीय संघर्ष के लिए धन्यवाद!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोविड पर देशभर के डॉक्टरों से बातचीत

देश चिकित्सा वर्ग और पैरामेडिकल स्टाफ का ऋणी है-प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 May 2021 03:54:17 PM

prime minister narendra modi talks with doctors on covid

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से कोविड से जुड़ी स्थितियों पर देशभर के डॉक्टरों के एक समूह के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने चिकित्सा वर्ग और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड की दूसरी लहर की असाधारण परिस्थितियों के खिलाफ दिखाए गए अनुकरणीय संघर्ष के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है। उन्होंने कहा कि चाहे परीक्षण हो, दवाओं की आपूर्ति करना हो या रिकॉर्ड समय में नए बुनियादी ढांचे की स्थापना हो, यह सबकुछ तेज गति से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति में आनेवाली कई चुनौतियों को दूर किया जा रहा है, देश की ओर से मानव संसाधन को बढ़ाने के लिए कोविड उपचार में एमबीबीएस छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करके स्वास्थ्य प्रणाली को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित किया कि टीकाकरण कार्यक्रम को अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के साथ शुरु करने की रणनीति ने दूसरी लहर में काफी लाभ दिया है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 90 प्रतिशत स्वास्थ्य पेशेवरों को पहले ही टीके की पहली खुराक लग चुकी है, टीकों ने अधिकांश डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है। प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से ऑक्सीजन ऑडिट को अपने दैनिक प्रयासों में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने डॉक्टरों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि मरीज की घर में होने वाली देखभाल एसओपी के आधार पर संचालित हो। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन ने बड़ी भूमिका निभाई है और इस सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने उन डॉक्टरों की सराहना की, जो टीम बना रहे हैं और गांवों में टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध करा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के डॉक्टरों से ऐसी टीम बनाने, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों और एमबीबीएस इंटर्न को प्रशिक्षित करने और देश की सभी तहसीलों व जिलों में टेलीमेडिसिन सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने म्यूकोरमिकोसिस की चुनौती पर भी चर्चा की और कहा कि डॉक्टरों को सक्रिय कदम उठाने और इस बारे में जागरुकता लाने के अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत हो सकती है। उन्होंने शारीरिक देखभाल के महत्व के साथ मनोवैज्ञानिक देखभाल के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ लगातार चल रही इस लंबी लड़ाई को लड़ना चिकित्सा वर्ग के लिए निश्चित तौरपर चुनौतीभरा है, लेकिन इस लड़ाई में उनके साथ नागरिकों की आस्था की शक्ति है। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को हाल के दिनों में मामलों में उछाल के दौरान उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। डॉक्टरों ने टीकाकरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को कोविड की पहली लहर के बाद से अपनी तैयारियों और दूसरी लहर में अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव, काम करने के सर्वोत्तम तरीकों और नए-नए प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में गैर-कोविड मरीजों की उचित देखभाल करने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने के अपने अनुभव को भी साझा किया, जिसमें रोगियों को दवाओं के अनुचित इस्तेमाल के प्रति रोगियों को संवेदनशील बनाना शामिल है। बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), स्वास्थ्य सचिव, औषधि सचिव और पीएमओ, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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