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Friday 21 May 2021 05:43:38 PM
वाराणसी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड प्रबंधन में नया मंत्र ‘जहां बीमार वहां उपचार’ दिया। उन्होंने कहा कि मरीज के दरवाजे पर उपचार उपलब्ध कराने से स्वास्थ्य प्रणाली पर भार कम होगा। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आज वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पहल की प्रशंसा तथा दवाओं की होम डिलीवरी की सराहना की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में ‘जहां बीमार वहां उपचार’ अभियान को जहां तक संभव हो सके वहां तक व्यापक बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ‘काशी कवच’ टेलीमेडिसिन सुविधा प्रदान करने में डॉक्टरों, लैब तथा ई-मार्केटिंग कंपनियों को एकसाथ लाना बहुत नवाचारी प्रयास है। प्रधानमंत्री ने गांवों में कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में आशा तथा एएनएम कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और स्वास्थ्य अधिकारियों से उनकी क्षमताओं और अनुभवों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अग्रणी कर्मचारी लोगों की सेवा सुरक्षित ढंग से करने में सक्षम हुए हैं, क्योंकि उन्हें टीका लगाया गया था। उन्होंने सभी से अपनी बारी आने पर टीका लगवाने का भी आग्रह किया। डॉक्टरों और अधिकारियों ने स्वास्थ्य संरचना बढ़ाने और आवश्यक दवाओं तथा वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की आपूर्ति सुनिश्चित करने में प्रधानमंत्री के निरंतर और सक्रिय नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री को कोविड को नियंत्रित करने में पिछले एक महीने में किए गए प्रयासों, टीकाकरण की स्थिति तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी दी गई। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे म्यूरोर्मिकोसिस के खतरे को लेकर सचेत हैं और उन्होंने रोग प्रबंधन के लिए सुविधाएं तैयार कर ली हैं। प्रधानमंत्री ने कोविड से लड़ने वाली मानव शक्ति के निरंतर प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और अधिकारियों तथा डॉक्टरों को प्रशिक्षण सत्र, वेबिनार आयोजित करने की सलाह दी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सा सहायकों और डॉक्टरों के लिए। उन्होंने अधिकारियों से जिले में टीके की बर्बादी को कम करने की दिशा में काम करने को भी कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों, वार्डब्वाय, एंबुलेंस चालकों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बनारस में कम समय में तेजी से ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने और बहुत कम समय में पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल को सक्रिय करने की प्रशंसा की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वाराणसी में एकीकृत कोविड कमान प्रणाली ने बहुत अच्छा काम किया और कहा कि वाराणसी का उदाहरण दुनिया को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके लंबी लड़ाई लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में जो योजनाएं बनीं हैं और जो अभियान चलाए गए हैं, उनसे कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज की सुविधा, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर, जनधन बैंक खाता या फिट इंडिया अभियान, योग और आयुष के प्रति जागरुकता जैसे कदमों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों की शक्ति में वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वांचल में बच्चों में इनसेफ्लाइटिस मामलों में काफी हद तक नियंत्रण किए जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने ब्लैक फंगस से सचेत रहने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व चेतावनियों और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों के प्रति ध्यान देना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कोविड के विरुद्ध लड़ाई में वाराणसी के जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से लोगों से जुड़े रहने का आग्रह करते हुए सलाह दी है कि वे आलोचनाओं के बावजूद अपने फर्ज और कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि यदि किसी नागरिक को किसी भी तरह की शिकायत है तो इसकी चिंता करना जनप्रतिनिधियों का दायित्व है। उन्होंने शहर की स्वच्छता बनाए रखने का वादा निभाने के लिए वाराणसी के लोगों की प्रशंसा की।