स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 23 April 2013 09:30:50 AM
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि शैक्षिक नियोजन एवं प्रशासन विषय संगोष्ठी के आयोजन से शिक्षा की उन्नति और प्रशासनिक पकड़ को मजबूत करके शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने की आवश्यकता है।
राम गोविंद चौधरी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर लखनऊ में राष्ट्रीय शैक्षिक नियोजन एवं प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से ‘शैक्षिक प्रशासन एवं नियोजन’ विषय पर शिक्षाधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु अधिकारियों से परिश्रम से कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि समस्त कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी चिंतित हैं कि ग़रीब जनता के बच्चे पढ़ाई में पीछे होते जा रहे हैं, ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा बच्चों को मिले और सरकारी स्कूलों की अपनी अलग पहचान हो।
राम गोविंद चौधरी ने कहा कि शारीरिक शिक्षा व्यवसायिक शिक्षा, कला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जो जल्दी ही पूरी होगी। उन्होंने कहा कि यहां पर उच्च स्तर से लेकर सभी अधिकारी उपस्थित हैं, सभी मिलकर यह विचार-विमर्श करें कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अपने को नंबर वन साबित करे, शिक्षा ही मूल मंत्र है, जो समाज को बदल सकता है। इस अवसर पर राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा योगेश प्रताप सिंह ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता का ह्यस हो रहा है, उन्होंने नैतिक शिक्षा पर जोर दिया।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने भी शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला और शैक्षिक सुधार हेतु गुणात्मक सुझाव दिये। इसी प्रकार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया ने भी शिक्षा पर सुझाव दिये। कार्यक्रम के आरंभ में प्रोफेसर नजमा अख्तर नई दिल्ली ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए संचालित कार्यक्रमों तथा शैक्षिक नियोजन एवं प्रशिक्षण के विषय में अवगत कराया। सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश ने दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान आयोजित किए जाने वाले सत्रवार कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। सभापति आर गोविंद, कुलपति नई दिल्ली ने विस्तार से शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पर चर्चा करते हुए उसके क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर विचार व्यक्त किये।
संगोष्ठी में सुनील कुमार, प्रमुख सचिव, (बेसिक शिक्षा), उत्तर प्रदेश शासन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने शैक्षिक नियोजन में विकेंद्रीकरण पर बल देते हुए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान किया।सत्र के अंत में एसी मेहता, प्रोफेसर, बासुदेव यादव, निदेशक, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में प्रदेश के समस्त जनपदों से संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।