स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 23 April 2013 10:05:03 AM
नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री पोरिका बलराम नाईक ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 'नामशूद्र' ('नमोशूद्र' नहीं) जाति असम, मणिपुर, मेघालय, मिजारम, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल राज्यों के संबंध में अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट की गई है। 'राजवंशी' जाति पश्चिम बंगाल के संबंध में अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट की गई है। 'पोंड क्षत्रिय' जाति किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट नहीं की गई है।
राज्य मंत्री ने बताया कि चूंकि, भारत के संविधान के अनुच्छेद 341(1) के प्रावधानों के अनुसार, अनुसूचित जातियों की सूची राज्य-संघ राज्य क्षेत्र विशिष्ट है, अत: जन्म के राज्य, संघ राज्य क्षेत्र में अनुसूचित जातियों के सदस्य, प्रवासन के उपरांत प्रवासन के राज्य, संघ राज्य क्षेत्र की अनुसूचित जातियां नहीं मानी जाती हैं। उन्होंने सदन को यह भी जानकारी दी कि अनुमोदित क्रिया विधियों के अनुसार, अनुसूचित जातियों की सूची में किसी जाति के समावेशन के लिए नृजातीय समर्थन के साथ पूर्ण प्रस्ताव केवल संबंधित राज्य सरकार-संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा दिया जाना आवश्यक है।