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Friday 11 June 2021 11:40:16 PM
लखनऊ। लखनऊ के पाश इलाके सुशांत गोल्फ सिटी से इस 6 जून को 1 करोड़ रुपये की फिरौती के लिए हाईकोर्ट लखनऊ के अधिवक्ता अनुराग शुक्ल की पत्नी प्रीति शुक्ला का इवनिंग वाक करते हुए अपहरण हुआ था, जिसे स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ ने गैंग के प्रमुख सदस्य संतोष चौबे को फिरौती की रकम देने के पूर्व ही गिरफ्तार कर सकुशल मुक्त कराने में सफलता हांसिल की है। एसटीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि प्रीति शुक्ला को 8 जून को विद्या हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर हरकंशी गढ़ी थाना पीजीआई कमिश्नरेट लखनऊ के पीछे रिहाईशी इलाके में एक मकान से मुक्त कराया गया। प्रीति शुक्ला को वहां उसके हाथ-पांव बांधकर रखा गया था। मौके से गिरफ्तार संतोष चौबे उर्फ सूर्या पुत्र गुलाब चौबे, बिंदवलिया थाना कोतवाली नगर जनपद गाजीपुर का मूल निवासीहै और थाना पीजीआई लखनऊ के हरकंशी गढ़ी में रह रहा था।
स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ के प्रवक्ताने बताया कि सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ के सेलेब्रिटी ग्रींस में रहने वाले अधिवक्ता हाईकोर्ट लखनऊ अनुराग शुक्ल की पत्नी प्रीति शुक्ला का 6 जून को इवनिंग वाक के समय कई अज्ञात अपराधियों ने अपहरण किया था तथा अपहृता के ही मोबाइल से काल करके अपह्रता के बदले 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी जा रही थी, जिसके सम्बंध में थाना सुशांत गोल्फ सिटी कमिश्नरेट लखनऊ में अनुराग शुक्ल ने मुकद्मा पंजीकृत कराया था। अपहृता की सकुशल बरामदगी और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीमें बनाई गई थीं। एसटीएफ की टीमों ने अपहृता की लोकेशन पर जाल बिछाया और वहां मौजूद संतोष चौबे को फिरौती की रकम देने के पूर्व ही गिरफ्तार कर अपहृता को सकुशल मुक्त कराने में सफलता हांसिल कर ली।
एसटीएफ लखनऊ के प्रवक्ताने बताया कि अभिसूचना संकलन की कार्रवाई के दौरान ज्ञात हुआ था कि अपहृता लखनऊ की सीमा में ही है और फिरौती मांगने वाला व्यक्ति जगह बदल-बदल कर प्रीति शुक्ला के मोबाइल से ही फिरौती की रकम की मांग रहा है, इस आधार पर एसटीएफ ने तीन टीमों का गठन किया था। एसटीएफ के निरीक्षक हेमंत भूषण सिंह और निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय की टीम को फिरौती की रकम लेने आने वाले के बताए स्थानों पर लगाया गया तथा तीसरी टीम उपनिरीक्षक विनय कुमार सिंह के साथ फिरौती मांगने वालों की लोकेशन पर लगाया गया। इसमें नाइट विजन डिवाइस की मदद से उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर निगाह रखी गई। सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें एक मकान की खिड़की से दिखाई पड़ा कि एक महिला के हाथ-पांव बंधे हैं, वह पलंग पर पड़ी है एवं उसके कमरे के बाहर एक व्यक्ति मौजूद है। एसटीएफ ने दबिश देकर घर में घुसकर कमरे के बाहर खड़े व्यक्ति को पकड़कर कमरे से प्रीति शुक्ला को मुक्त कराया और मौके पर पकड़े गए व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने अपना नाम संतोष चौबे बताया।
संतोष चौबे ने एसटीएफ की विस्तृत पूछताछ में अपने और साथियों की भी जानकारी दी है, जिन्हें गिरफ़्तार करने की कार्रवाई जारी है। संतोष चौबे ने पूछताछ में बताया कि जितेंद्र, कल्लू, रोहित, बब्लू और अन्य साथियों के साथ मिलकर इस अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया था। उसने बताया अपह्रता के बदले उन लोगों को एक करोड़ की फिरौती की रकम उस रात मिलनी थी, लेकिन वह पकड़ लिया गया। उसने अपने साथियों के बारे में बताया कि वे पीजीआई के आस-पास के रहने वाले हैं, रात को फिरौती की डिलेवरी के समय एकत्र होते। उसने बताया कि वह स्वयं अपहरण की निगरानी का कार्य कर रहा था।