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Tuesday 15 June 2021 05:43:18 PM
नई दिल्ली। इंडो-जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) के 11वें स्थापना दिवस पर भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने औद्योगिक फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत की है। प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा है कि यह फेलोशिप शोधार्थी छात्रों को क्षमता निर्माण और उद्योग एवं अनुसंधान समाधानों केलिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि फेलोशिप शोधकर्ताओं को जर्मन व्यवस्था में अनुप्रयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और औद्योगिक अनुभव प्रदान करेगी। आईजीएसटीसी इंडस्ट्रियल फेलोशिप जर्मन उद्योगों और औद्योगिक अनुसंधान व विकास संस्थानों में औद्योगिक प्रदर्शन के लिए विज्ञान और इंजीनियरिंग में भारतीय पीएचडी छात्रों और पोस्ट-डॉक्टरेट शोधकर्ताओं की सहायता करेगी।
अधिकतम एक वर्ष केलिए आकर्षक अनुदान समर्थित फेलोशिप का उद्देश्य भारतीय शोधकर्ताओं को अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए प्रेरित करना और उन्नत जर्मन औद्योगिक वातावरण में प्रदर्शन के माध्यम से नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने की क्षमता का निर्माण करना है। इसे आईजीएसटीसी शासकीय निकाय के सह अध्यक्षों व सदस्यों के साथ भारतीय व जर्मन सरकारों, उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वर्चुअल बैठक में शुरु किया गया था। डीएसटी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख और आईजीएसटीसी के भारतीय सह अध्यक्ष एसके वार्ष्णेय ने उल्लेख किया कि उद्योगों के अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में भारत-जर्मन सहयोग को आगे बढ़ाकर केंद्र ने अपने लिए एक जगह बनाई है। उन्होंने सभी वैज्ञानिक एजेंसियों और उद्योग से औद्योगिक प्रासंगिकता के द्विपक्षीय वैज्ञानिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की सेवाओं का उपयोग करने का अनुरोध किया है।
बीएमबीएफ की निदेशक और आईजीएसटीसी की जर्मन सह अध्यक्ष कैथरीन मेयर्स ने कहा कि यह फेलोशिप कार्यक्रम प्रतिभाशाली भारतीय शोधकर्ताओं को जर्मनी की कंपनियों या सरकारी संस्थानों के साथ व्यावहारिक विज्ञान केलिए काम करने केलिए साथ लाएगा और बतौर फेलो वे भविष्य के लिए दोनों देशों के बीच लंबे समय तक चलने वाले संबंध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि केंद्र उद्योग के नेतृत्व में और अकादमिक या अनुसंधान संगठनों के समर्थित अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है, यह भी एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जिसका उपयोग नए सहयोग के लिए किया जाना चाहिए। आईजीएसटीसी की स्थापना भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और जर्मनी सरकार के संघीय शिक्षा व अनुसंधान मंत्रालय ने उद्योग की भागीदारी, अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर जोर देने के साथ इंडो-जर्मन अनुसंधान व विकास नेटवर्किंग की सुविधा के लिए की थी। आईजीएसटीसी अपने प्रमुख कार्यक्रम '2+2 परियाजनाएं' के जरिए भारत-जर्मनी के अनुसंधान व शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक एवं निजी उद्योगों की मजबूती को जोड़कर नवाचार-केंद्रित अनुसंधान व विकास परियोजनाओं की सहायता कर रहा है।